फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड करने से पहले आपको यह जानना बहुत ही जरूरी है कि फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है; आज इस पोस्ट में आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के एक नहीं कई तरीके होते हैं; इनमें से दो बेस्ट तरीके हैं; पहला फ्यूचर और दूसरा ऑप्शन ट्रेडिंग।
अनुभवी निवेशक इन दोनों तरीकों को अपने लिए निवेश करने के बेस्ट विकल्प मानते हैं; क्योंकि इनमें जितना ज्यादा जोखिम होता है; उतना ही ज्यादा प्रॉफिट भी होता है। अब चलिए जान लेते हैं कि फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है:
सबसे पहले हम जान लेते हैं कि फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? फ्यूचर ट्रेडिंग एक कॉन्ट्रैक्ट है; जिसमें बायर और सेलर दोनों एक फिक्स्ड एसेट को एक फिक्स्ड प्राइस पर, एक फिक्स्ड डेट पर खरीदने या बेचने के लिए सहमत होते हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट किसी भी शेयर, इंडेक्स, कमोडिटी या मुद्रा के लिए हो सकता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है – ऑप्शन ट्रेडिंग यह भी एक तरह कॉन्ट्रैक्ट है; और इसमें आपको को एक फिक्स्ड एसेट को एक फिक्स्ड प्राइस पर, एक फिक्स्ड डेट पर खरीदने या बेचने का अधिकार मिलता है; लेकिन इसमें कोई बाध्यता (Obligation) नहीं होती है। यह कॉन्ट्रैक्ट भी किसी भी शेयर, इंडेक्स, कमोडिटी या मुद्रा के लिए हो सकता है।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में अंतर:
सबसे पहले आप यह जान लीजिए कि फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग दोनों डेरिवेटिव ट्रेडिंग के प्रकार हैं, जो किसी अंडरलेइंग एसेट के मूल्य से निर्धारित होते हैं। लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं, इन्हें ध्यान से समझिए हैं:
- याद रखें; फ्यूचर ट्रेडिंग में, बायर और सेलर दोनों भविष्य में एक फिक्स्ड डेट और प्राइस पर किसी अंडरलेइंग एसेट को खरीदने या बेचने के लिए बाध्य होते हैं; इसका मतलब यह है कि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को एक्सपायरी डेट पर सेटल करना ही पड़ता है।
- वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग में, बायर को सिर्फ अधिकार होता है कि वह भविष्य में एक फिक्स्ड डेट या उससे पहले किसी अंडरलेइंग एसेट को एक फिक्स्ड प्राइस पर खरीदे या बेचे; लेकिन याद रखिएगा कि वह ऐसा करने के लिए कभी बाध्य नहीं हो सकता है। इसका मतलब यह है कि ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को एक्सरसाइज करना या न करना बायर के मूड पर डिपेंड करता है।
- फ्यूचर ट्रेडिंग में, बायर और सेलर दोनों को मार्जिन पे करना होता है, जो कि उनके लेन-देन की कुल मूल्य का 1% होता है। इससे उन्हें लेवरेज का लाभ उठाने का मौका मिलता है, यानी कि वे कम पैसा लगाकर ज्यादा प्रॉफिट बना सकते हैं; लेकिन याद रखें; यह उनके लिए अधिक जोखिम लेने का सबसे बड़ा कारण भी बन सकता है, क्योंकि यदि मार्केट उनकी स्ट्रैटजी और रिसर्च के विपरीत चला जाता है, तो वे फ्यूचर ट्रेडिंग में निवेश किए हुए अपने सारे पैसे से ज्यादा नुकसान उठा सकते हैं।
- वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग में, बायर को सिर्फ प्रीमियम पे करना होता है; याद रखें; यह प्रीमियम ऑप्शन खरीदने की फीस होती है; इससे बायर जोखिम सीमित हो जाता है, क्योंकि अगर मार्केट उसकी स्ट्रैटजी और रिसर्च के विपरीत चला जाता है, तो वह सिर्फ अपना प्रीमियम खो सकता है; उससे ज्यादा उसे कोई नुकसान नहीं होगा; लेकिन वहीं ऑप्शन सेलर को मार्जिन पे करना होता है; जिसकी वजह से उसका जोखिम बढ़ जाता है; क्योंकि यदि मार्केट उसकी सोच के विपरीत चला जाता है; तो उसे अपने प्रीमियम से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश की शुरुआत कैसे करें:
- एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: यदि आप फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करने का मन बना चुके हैं; तो इसके लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा।
- अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचानें: याद रखें; अगर आप फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करने जा रहे हैं; तो आपको हाई रिस्क लेना ही पड़ेगा; आप इससे बच नहीं सकते हैं; इसलिए ट्रेडिंग करने से पहले आप अपने रिस्क लेने की क्षमता को अच्छे से समझ लें।
- अपनी खुद की स्ट्रैटजी तैयार करें: यदि आप फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होना चाहते हैं; तो इसके लिए आपको अपनी खुद की एक अच्छी स्ट्रैटजी तैयार करनी होगी।
- मार्केट के बारे में जानकारी रखें: फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले आपको मार्केट के बारे में सही जानकारी रखनी होगी; क्योंकि इसके बिना आप ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल नहीं हो सकते हैं।
- कम पूंजी से शुरुआत करें: अगर आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अनुभव नहीं है; तो आप शुरुआत में कम पैसे से निवेश शुरू करें; और अनुभव होने के बाद आप अपने निवेश को धीरे-धीरे आगे बढ़ा सकते हैं।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले इन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान जरूर दें:
- ऑप्शन ट्रेडिंग सिर्फ अनुभवी निवेशकों के लिए बेस्ट होता है।
- इस ट्रेडिंग में हाई रिस्क और हाई प्रॉफिट दोनों की संभावना होती है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले मार्केट के बारे में रिसर्च करें और अपनी खुद की स्ट्रैटजी तैयार करें।
- शुरू में कम पैसे के साथ ट्रेडिंग करें; और अनुभव होने के बाद धीरे-धीरे अपने निवेश को बढ़ा सकते हैं।
फ्यूचर और ऑप्शन में क्या अंतर है?
याद रखें; फ्यूचर एक कॉन्ट्रैक्ट है; जिसमें आप भविष्य में किसी फिक्स्ड प्राइस पर किसी एसेट को खरीदने या बेचने का अधिकार हासिल करते हैं।
वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग की बात करें; तो यह भी एक कॉन्ट्रैक्ट ही है; जो आपको भविष्य में किसी फिक्स्ड प्राइस पर किसी एसेट को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है, लेकिन दायित्व नहीं।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के जोखिम क्या हैं?
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में हमेशा हाई रिस्क होता है; इसमें आपको बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है; जिसकी वजह से आपको भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है; याद रखें; यह ट्रेडिंग करने का सबसे जटिल तरीका है।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले क्या करें?
यदि आप फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करने का मन बना चुके हैं; तो इसके लिए आपको सही नॉलेज लेना होगा; डेमो अकाउंट का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग का अभ्यास करना होगा; इसके साथ ही आपको अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचानना होगा।