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फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और इसमें निवेश कैसे करते हैं?

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड करने से पहले आपको यह जानना बहुत ही जरूरी है कि फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है; आज इस पोस्ट में आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के एक नहीं कई तरीके होते हैं; इनमें से दो बेस्ट तरीके हैं; पहला फ्यूचर और दूसरा ऑप्शन ट्रेडिंग। 

अनुभवी निवेशक इन दोनों तरीकों को अपने लिए निवेश करने के बेस्ट विकल्प मानते हैं; क्योंकि इनमें जितना ज्यादा जोखिम होता है; उतना ही ज्यादा प्रॉफिट भी होता है। अब चलिए जान लेते हैं कि फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है‌?

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है:

सबसे पहले हम जान लेते हैं कि फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? फ्यूचर ट्रेडिंग एक कॉन्ट्रैक्ट है; जिसमें बायर और सेलर दोनों एक फिक्स्ड एसेट को एक फिक्स्ड प्राइस पर, एक फिक्स्ड डेट पर खरीदने या बेचने के लिए सहमत होते हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट किसी भी शेयर, इंडेक्स, कमोडिटी या मुद्रा के लिए हो सकता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है – ऑप्शन ट्रेडिंग यह भी एक तरह कॉन्ट्रैक्ट है; और इसमें आपको को एक फिक्स्ड एसेट को एक फिक्स्ड प्राइस पर, एक फिक्स्ड डेट पर खरीदने या बेचने का अधिकार मिलता है; लेकिन इसमें कोई बाध्यता (Obligation) नहीं होती है। यह कॉन्ट्रैक्ट भी किसी भी शेयर, इंडेक्स, कमोडिटी या मुद्रा के लिए हो सकता है।

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में अंतर:

सबसे पहले आप यह जान लीजिए कि फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग दोनों डेरिवेटिव ट्रेडिंग के प्रकार हैं, जो किसी अंडरलेइंग एसेट के मूल्य से निर्धारित होते हैं। लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं, इन्हें ध्यान से समझिए हैं:

  • याद रखें; फ्यूचर ट्रेडिंग में, बायर और सेलर दोनों भविष्य में एक फिक्स्ड डेट और प्राइस पर किसी अंडरलेइंग एसेट को खरीदने या बेचने के लिए बाध्य होते हैं; इसका मतलब यह है कि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को एक्सपायरी डेट पर सेटल करना ही पड़ता है।
  • वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग में, बायर को‌ सिर्फ अधिकार होता है कि वह भविष्य में एक फिक्स्ड डेट या उससे पहले किसी अंडरलेइंग एसेट को एक फिक्स्ड प्राइस पर खरीदे या बेचे; लेकिन याद रखिएगा कि वह ऐसा करने के लिए कभी बाध्य नहीं हो सकता है। इसका मतलब यह है कि ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को एक्सरसाइज करना या न करना बायर के मूड पर डिपेंड करता है।
  • फ्यूचर ट्रेडिंग में, बायर और सेलर दोनों को मार्जिन पे करना होता है, जो कि उनके लेन-देन की कुल मूल्य का 1% होता है। इससे उन्हें लेवरेज का लाभ उठाने का मौका मिलता है, यानी कि वे कम पैसा लगाकर ज्यादा प्रॉफिट बना सकते हैं; लेकिन याद रखें; यह उनके लिए अधिक जोखिम लेने का सबसे बड़ा कारण भी बन सकता है, क्योंकि यदि मार्केट उनकी स्ट्रैटजी और रिसर्च के विपरीत चला जाता है, तो वे फ्यूचर ट्रेडिंग में निवेश किए हुए अपने सारे पैसे से ज्यादा नुकसान उठा सकते हैं।
  • वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग में, बायर को सिर्फ प्रीमियम पे करना होता है; याद रखें; यह प्रीमियम ऑप्शन खरीदने की फीस होती है; इससे बायर जोखिम सीमित हो जाता है, क्योंकि अगर मार्केट उसकी स्ट्रैटजी और रिसर्च के विपरीत चला जाता है, तो वह सिर्फ अपना प्रीमियम खो सकता है; उससे ज्यादा उसे कोई नुकसान नहीं होगा; लेकिन वहीं ऑप्शन सेलर को मार्जिन पे करना होता है; जिसकी वजह से उसका जोखिम बढ़ जाता है; क्योंकि यदि मार्केट उसकी सोच के विपरीत चला जाता है; तो उसे अपने प्रीमियम से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा।

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश की शुरुआत कैसे करें:

  1. एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: यदि आप फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करने का मन बना चुके हैं; तो इसके लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा।
  2. अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचानें: याद रखें; अगर आप फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करने जा रहे हैं; तो आपको हाई रिस्क लेना ही पड़ेगा; आप इससे बच नहीं सकते हैं; इसलिए ट्रेडिंग करने से पहले आप अपने रिस्क लेने की क्षमता को अच्छे से समझ लें।
  3. अपनी खुद की स्ट्रैटजी तैयार करें: यदि आप फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होना चाहते हैं; तो इसके लिए आपको अपनी खुद की एक अच्छी स्ट्रैटजी तैयार करनी होगी।
  4. मार्केट के बारे में जानकारी रखें: फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले आपको मार्केट के बारे में सही जानकारी रखनी होगी; क्योंकि इसके बिना आप ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल नहीं हो सकते हैं।
  5. कम पूंजी से शुरुआत करें: अगर आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अनुभव नहीं है; तो आप शुरुआत में कम पैसे से निवेश शुरू करें; और अनुभव होने के बाद आप अपने निवेश को धीरे-धीरे आगे बढ़ा सकते हैं।

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले इन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान जरूर दें:

  • ऑप्शन ट्रेडिंग सिर्फ अनुभवी निवेशकों के लिए बेस्ट होता है।
  • इस ट्रेडिंग में हाई रिस्क और हाई प्रॉफिट दोनों की संभावना होती है।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले मार्केट के बारे में रिसर्च करें और अपनी खुद की स्ट्रैटजी तैयार करें।
  • शुरू में कम पैसे के साथ ट्रेडिंग करें; और अनुभव होने के बाद धीरे-धीरे अपने निवेश को बढ़ा सकते हैं।

फ्यूचर और ऑप्शन में क्या अंतर है?

याद रखें; फ्यूचर एक कॉन्ट्रैक्ट है; जिसमें आप भविष्य में किसी फिक्स्ड प्राइस पर किसी एसेट को खरीदने या बेचने का अधिकार हासिल करते हैं।
वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग की बात करें; तो यह भी एक कॉन्ट्रैक्ट ही है; जो आपको भविष्य में किसी फिक्स्ड प्राइस पर किसी एसेट को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है, लेकिन दायित्व नहीं।

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के जोखिम क्या हैं?

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में हमेशा हाई रिस्क होता है; इसमें आपको बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है; जिसकी वजह से आपको भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है; याद रखें; यह ट्रेडिंग करने का सबसे जटिल तरीका है।

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले क्या करें?

यदि आप फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करने का मन बना चुके हैं; तो इसके लिए आपको सही नॉलेज लेना होगा; डेमो अकाउंट का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग का अभ्यास करना होगा; इसके साथ ही आपको अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचानना होगा।

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10+ ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम, जो आपको ट्रेडिंग में दिलाए सफलता

यदि ऑप्शन ट्रेडिंग में होना है सफल तो यहां दिए जा रहे 10+ ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम को अच्छे से समझें और इन्हें अपने ट्रेडिंग में लागू करें; 

यहाँ दिए जा रहे ऑप्शन ट्रेडिंग नियम बहुत ही कारगर हैं; जो आपको ट्रेडिंग कैरियर में सफलता दिलाने की क्षमता रखते हैं।

10+ ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम, जो आपको ट्रेडिंग में दिलाए सफलता

10+ ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम, जो आपको ट्रेडिंग में बनाएंगे सफल

  1. अपनी खुद की स्ट्रैटजी तैयार करें: अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं; तो इसके लिए आपको अपनी खुद की स्ट्रैटजी बनानी होगी। आपको यह समझना होगा कि आप किस तरह के ऑप्शन्स में ट्रेड करना चाहते हैं? आप ट्रेडिंग में कितना रिस्क उठा सकते हैं? याद रखें; आपकी स्ट्रैटजी आपके निवेश लक्ष्यों और रिस्क लेने की सहनशीलता पर डिपेंड होनी चाहिए।
  2. अपनी भावनाओं पर‌ कंट्रोल रखें: यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता हासिल करना चाहते हैं; तो आपको अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखना पड़ेगा; आपको अपने अंदर से डर और लालच को खत्म करना होगा; क्योंकि इसकी वजह से आप गलत निर्णय ले लेते हैं; और आपको ट्रेडिंग में हमेशा बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
  3. रिस्क मैनेजमेंट की योग्यता विकसित करें: ऑप्शन ट्रेडिंग में बने रहने के लिए रिस्क मैनेजमेंट को अपनाना बहुत ही जरूरी है; क्योंकि इसके बिना आपकी नैया पार नहीं लगेगी; आप याद रखें; कोई भी बिजनेस हो, हर बिजनेस में आपको यह तय करना होता है कि आप उस बिजनेस में कितना पैसा खोने के लिए तैयार हैं; यह आपको पहले ही तय करना होगा। ट्रेडिंग करते समय आपको स्टॉप-लॉस ऑर्डर का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए; ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे।
  4. ट्रेडिंग के टाइम लिमिट को समझें: ऑप्शन ट्रेडिंग में मंथली और वीकली एक्सपायरी होती है; इसलिए आपको अपनी ट्रेडिंग रणनीति एक्सपायरी डेट के आधार पर बनानी होती है; ताकि आपको ट्रेडिंग में नुकसान न उठाना पड़ें।
  5. बुनियादी एसेट को समझें: आप याद रखें; ऑप्शन किसी बुनियादी एसेट, जैसे स्टॉक, कमोडिटी या करेंसी पर आधारित होते हैं; यही वजह है कि ऑप्शन ट्रेडिंग को बेहतरीन तरीके से करने के लिए आपको बुनियादी एसेट के मूल्य को प्रभावित करने वाले कारकों को अच्छे से समझना होगा।
  6. ग्रीक अक्षरों के मतलब को समझें: आपको ग्रीक अक्षरों ‘डेल्टा, गामा, थीटा और वेगा’ को अच्छे से समझना होगा; क्योंकि ये वे ग्रीक अक्षर‌ हैं; जो ऑप्शन के मूल्य को प्रभावित करते हैं। 
  7. अपने नॉलेज को बढ़ाते रहें: ऑप्शन ट्रेडिंग इतना आसान नहीं है; जितना आप सोचते हैं; यह एक जटिल ट्रेडिंग स्किल है; इसलिए यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग से प्रॉफिट बनाना चाहते हैं; तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अधिक से अधिक सीखना होगा; आप ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सीखने के लिए ऑनलाइन कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं, बुक्स पढ़ सकते हैं और सेमिनार में भाग ले सकते हैं।
  8. अभ्यास करें और अपने अनुभव को बढ़ाएं: ऑप्शन ट्रेडिंग में वे‌ ही लोग सफल होते हैं; जो लगातार अभ्यास करते हैं और अपने अनुभव को बढ़ाते हैं; यदि आप भी ऑप्शन ट्रेडिंग का अभ्यास करना चाहते हैं; तो इसके लिए आप डेमो अकाउंट का इस्तेमाल करें या छोटे लॉट के साथ शुरुआत करके ऑप्शन ट्रेडिंग का अनुभव बढ़ाएं; याद रखें अनुभव आपको एक सफल ट्रेडर बनने में मदद करेगा।
  9. अपनी होने वाली गलतियों से सीखें: जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए मैदान में उतरेंगे; तो आप से गलतियां होंगी; आप उन‌ गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ें और एक सफल ट्रेडर बनें।
  10. धैर्य रखें और एक सफल ट्रेडर बनें: ऑप्शन ट्रेडिंग हो या कोई और बिजनेस हो, उसमें रातों-रात सफलता नहीं मिलती; आपको सफलता पाने के‌ लिए कड़ी मेहनत करने के साथ धैर्य रखने की जरूरत होती है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में असफल होने के मुख्य कारण:

1. एक्सपिरियंस और नॉलेज की कमी:

  • ऑप्शन ट्रेडिंग में कदम रखने से पहले आपको यह समझ लेना है कि यह एक जटिल ट्रेडिंग सिस्टम है और यहाँ रिस्क बहुत ज्यादा होता है।
  • यदि आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अच्छा अनुभव और नॉलेज नहीं है, तो आप गलत निर्णय ले सकते हैं और बड़ा नुकसान कर सकते हैं।
  • आप याद रखें; ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, आपको हर तरह के ऑप्शनों, उनके कार्य करने का सिस्टम और रिस्क मैनेजमेंट को अच्छे से समझना होगा।

2. अपनी भावनाओं पर कंट्रोल न रख पाना:

  • अगर आप ग़लत ट्रेडिंग निर्णय लेने से बचना चाहते हैं; तो आपको अपने डर, लालच और आशा जैसी भावनाओं पर कंट्रोल करना होगा; वरना आप न‌ चाहते हुए भी ट्रेडिंग करने का ग़लत निर्णय ले लेंगे।
  • आप मेरी इस बात को हमेशा याद रखें; अगर आप सफल ऑप्शन ट्रेडर बनना चाहते हैं; तो आपको अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है।

3. गलत स्ट्रैटजी का इस्तेमाल करना:

  • आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि आपकी बनाई हुई हर एक ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रैटजी सभी मार्केट कंडीशन में काम नहीं आती हैं।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आपको अपने रिस्क लेने की क्षमता और निवेश लक्ष्यों के अनुसार एक अच्छी स्ट्रेटजी बनानी होगी।

4. धैर्य की कमी होना:

  • एक सफल ऑप्शन ट्रेडर बनने के लिए आपको धैर्य रखने की जरूरत पड़ती है।
  • यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाना चाहते हैं; तो आपको सही अवसरों का इंतजार करना होगा और जल्दबाजी में ग़लत निर्णय लेने से बचना होगा।

5. गलत ब्रोकर का चुनाव कर लेना:

  • ऑप्शन ट्रेडिंग से अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए आपको एक अच्छे और कम लागत वाले ब्रोकर का चुनाव करना होगा।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ब्रोकर आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को सपोर्ट करता है या नहीं।

6. ट्रेडिंग में अनुशासन की कमी:

  • आप याद रखें एक सफल ऑप्शन ट्रेडर बनने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी होता है।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाने के लिए आपको अपनी ट्रेडिंग योजना का पालन करना होगा और अपनी भावनाओं के आधार पर ग़लत निर्णय लेने से बचना होगा।

7. गलत समय पर ट्रेंडिंग करने का निर्णय लेना:

  • यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान से बचना चाहते हैं; तो आपको बाजार के ट्रेंड्स का एनालिसिस करना होगा और सही समय पर ट्रेडिंग करने का निर्णय लेना होगा।
  • याद रखें; गलत समय पर ट्रेडिंग करने का निर्णय लेना आपको भारी नुकसान की ओर लेकर जाएगा।

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल‌ होना चाहते हैं; तो इसके लिए आपको अनुभवी और जानकार होना पड़ेगा, अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखना सीखना होगा;

आपको एक अच्छी स्ट्रैटजी का इस्तेमाल करना चाहिए, रिस्क मैनेजमेंट सीखना होगा, धैर्य रखना होगा; एक अच्छे ब्रोकर का चुनना करना होगा, अनुशासित रहना होगा, लगातार सीखने की आदत डालनी होगी और सही समय पर ट्रेडिंग करने का निर्णय लेना होगा।

ऑप्शन ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम क्या हैं?

ऑप्शन ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम कुछ इस प्रकार हैंहर ऑप्शन का एक एक्सपायरी डेट होता है; स्ट्राइक प्राइस, कॉल ऑप्शन, पुट ऑप्शन, प्रीमियम; ये वे महत्वपूर्ण नियम हैं; जिनके बारे में आपको अच्छे से समझना चाहिए।

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए कौन सी स्ट्रैटजी है?

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एक नहीं कई स्ट्रैटजी इस्तेमाल किए जाते हैं; जैसे – कवर कॉल, प्रोटेक्टिव पुट, स्ट्रैडल आदि।

ऑप्शन ट्रेडिंग के रिस्क क्या-क्या हैं?

ऑप्शन ट्रेडिंग के रिस्क में शामिल हैं – टाइम लिमिट; बाज़ार की अस्थिरता, गलत स्ट्रैटजी; लेकिन अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अच्छे से सीख लेते हैं; तो आप ट्रेडिंग में होने वाले रिस्क से बच सकते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले क्या ध्यान चाहिए?

ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अच्छा एजुकेशन हासिल करना होगा, लगातार अभ्यास करना होगा और रिस्क मैनेजमेंट को अच्छे से समझना होगा।

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बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान फॉर लॉन्ग टर्म

यदि आप अपनी बचत को डबल करना चाहते हैं; तो आप बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान फॉर लॉन्ग टर्म के बारे में अच्छे से समझें; यहाँ दिए गए सभी बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान बहुत ही कारगर हैं; जो आपकी फाइनेंशियल फ्रीडम हासिल करने में मदद करेंगी; चाहे आप अमीर हो या गरीब!

बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान फॉर लॉन्ग टर्म

कौन ऐसा है; जो नहीं चाहता कि उसकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहे; और दिन दुनी रात चौगुनी बढ़ती रहे? हर कोई चाहता है; चाहे वह अमीर हो या गरीब।

बस दिक्कत इस बात की है कि लोगों को निवेश से जुड़े प्लान के बारे में सही जानकारी नहीं है; वे जाने-अंजाने में ऐसी स्कीम या प्लान में निवेश कर देते हैं; जहांँ उनके निवेश पर वह रिटर्न नहीं मिल‌ पाता; जिसकी वे उम्मीद करते हैं।

लेकिन अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है; क्योंकि आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ ऐसे बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान‌ के‌ बारे में बताने जा रहे हैं; जो आपको लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न देने की संभावना रखता है; 

तो चलिए पोस्ट में आगे बढ़ते हैं; और जानते हैं कि वो बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान कौन से हैं; जहाँ आपकी मेहनत की कमाई सुरक्षित तो है; साथ ही आपको फाइनेंशियल फ्रीडम देने की क्षमता भी रखता है।

बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान फॉर लॉन्ग टर्म से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को समझें – निवेश करने से पहले आपको यह अच्छे से पता होना चाहिए कि आप निवेश किसलिए कर रहे हैं? क्या आप अपने रिटायरमेंट के लिए पैसा बचाना चाहते हैं? क्या आप नया घर खरीदना चाहते हैं या फिर अपने बच्चों के एजुकेशन के लिए पैसा बचत करना चाहते हैं? 
  • निवेश करने से पहले आप अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचानें – आप हमेशा यह बात याद रखिएगा कि कोई भी निवेश बिना रिस्क के नहीं होता है; अगर आप कहीं निवेश कर रहे हैं; तो इसका मतलब यह है कि आप रिस्क ले रहे हैं; इसलिए आप निवेश करने से पहले अपने रिस्क लेने की क्षमता का अच्छे से पहचान करें; ताकि आप बड़े नुकसान से बच सकें।
  • अपने सारे पैसे एक ही कंपनी में कभी न लगाएं – यदि आप निवेश में होने वाले जोखिम से बचना चाहते हैं; तो आप अपने पैसे को एक जगह पर निवेश करने से बचें; अगर आपको निवेश करना है; तो आप अलग-अलग कंपनियों या एसेट्स में निवेश करें; क्योंकि ऐसा करने से आपको यह लाभ होता है कि अगर एक कंपनी बैठ गई तो दुसरी कंपनी आपके नुकसान की भरपाई कर देगी; मतलब आपके निवेश में होने वाला जोखिम कम हो जाएगा; और लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

चलिए बेहतरीन इन्वेस्टमेंट प्लान पर एक नज़र डालते हैं:

  • म्यूचुअल फंड्स: अगर आप निवेश में कम जोखिम लेना चाहते हैं; और एक साथ कई कंपनियों और एसेट्स में निवेश करना चाहते हैं; तो आपके लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है; आप याद रखें; इक्विटी म्यूचुअल फंड हाई रिस्क के साथ हाई रिटर्न देने की संभावना रखता है; जबकि डेट म्यूचुअल फंड में जोखिम कम होता है; लेकिन रिटर्न भी कम मिलता है; यदि आप दोनों फंडों में निवेश का लाभ उठाना चाहते हैं; तो इसके लिए आप हाइब्रिड फंड में निवेश करने का निर्णय ले सकते हैं।
  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): यदि आप निवेश में बहुत ज्यादा सुरक्षा चाहते हैं; तो आप गवर्नमेंट स्कीम के साथ जा‌ सकते हैं; मेरे कहने का‌ मतलब यह है कि आप अपनी मेहनत की कमाई को पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश कर सकते हैं; यहाँ आपको बिना अधिक जोखिम के 7.1% का सालाना ब्याज दर मिलेगा; यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान आपके लिए निवेश का एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
  • नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): यदि आप सरकारी या प्राइवेट जॉब करते हैं; और आपको हर महीने सैलरी मिलती है; और आप उस सैलरी में से कुछ पैसे बचत के तौर पर निवेश करना चाहते हैं; तो आपके लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक अच्छा विकल्प हो सकता है; यहाँ आपको आपके रिटायरमेंट के बाद हर महीने सैलरी मिलती है; मतलब रिटायरमेंट के बाद भी आपको किसी तरह की फाइनेंशियल प्रॉब्लम नहीं होती है; और यही नहीं आप अपने निवेश को इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी बॉन्ड में निवेश करके अपनी बचत को और बढ़ा सकते हैं।

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान‌ (ULIP): यह एक बीमा और निवेश आधारित बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान है; यहां निवेश करने पर आपको एक फायदा मिलता है;

जैसे – लाइफ इंश्योरेंस कवरेज के साथ-साथ आपके पैसे को मार्केट में निवेश किया जाता है; लेकिन वहीं दूसरी तरफ इसमें निवेश करने के नुकसान भी हैं; इस यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान‌ में निवेश करना सरल नहीं होता है; साथ ही इसमें बहुत ज्यादा चार्ज लग जाता है।

निवेश करने से पहले रिस्क लेने की क्षमता को कैसे पहचानें?

यदि आप निवेश करने से पहले रिस्क लेने की क्षमता को पहचानना चाहते हैं; तो इसके लिए आपको करना यह है कि आपके पास निवेश करने के लिए कितना पैसा है; और आप उस पैसे में से कितना पैसा खोने के लिए तैयार हैं; यह सबकुछ आपको अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों, खर्चों और भावनाओं के आधार पर तय करते हैं।

निवेश की शुरूआत करने के लिए कितनी पूंजी की जरूरत होती है?

अगर आप निवेश करने का निर्णय ले चुके हैं; पर आप यह नहीं समझ पा रहे हैं कि निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए; तो आप मेरी सुनिए; आपको निवेश करने के बहुत ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं होती है; आप सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से हर महीने अपनी इच्छा के अनुसार सौ रुपए, पांच सौ रुपए या उससे ज्यादा निवेश कर सकते हैं।

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए एक फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना क्यों जरूरी है?

यदि आप इन्वेस्टमेंट के क्षेत्र में नए हैं; और आप यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपको निवेश कहां और किस प्लान में करना चाहिए; तो आप इस स्थिति में किसी अच्छे अनुभवी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लेना बहुत फायदेमंद रहता है; क्योंकि उन्हें मार्केट की अच्छी जानकारी होती है; और वे आपको मार्केट के बारे में सटीक जानकारी दे सकते हैं; और उनके बताए गए प्लान में निवेश करने पर आपको ज्यादा जोखिम नहीं लेना पड़ता है।

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Top 10 Trading Books in Hindi | ट्रेडिंग के लिए बेस्ट बुक्स

भारतीय शेयर मार्केट में अपार सफलता हासिल करने लिए ट्रेडिंग के सिद्धांत और स्ट्रैटजी सीखाने वाली सर्वश्रेष्ठ किताबों (10 + Trading books in Hindi) की एक नई लिस्ट जारी हो चुकी है।

Top 10 Trading Books in Hindi | ट्रेडिंग के लिए बेस्ट बुक्स

क्या आप भी बाकी लोगों की तरह शेयर मार्केट में सफलता हासिल करना चाहते हैं; पर आपको सही तरीके से यह समझ में नहीं आता कि आपको करना क्या है? 

आपको चार्ट और कैंडलस्टिक को देखना पसंद है; पर आप उसे अच्छे से समझना चाहते हैं; आप मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव को बहुत ही बारीकी से जानना चाहते हैं;

कुल मिलाकर आप शेयर मार्केट के खेल का एक बेहतरीन खिलाड़ी बनना चाहते हैं; पर आपको यह समझ में नहीं आता कि यह सब कुछ करना आसान कैसे होगा?

अगर आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं; तो आपको चिंता करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है; क्योंकि कि‌ आज इस पोस्ट में मैं आपको शेयर मार्केट के बारे में A टू Z बातें सीखाने वाली 10 बेहतरीन किताबों (Best Trading books in Hindi) के बारे में बताने वाला हूँ।

यदि आप इन‌ किताबों को मन लगाकर अच्छे से पढ़ लेते हैं; तो आप यह‌ मानकर चलिए‌ कि‌ आपको शेयर मार्केट के बारे में गहराई से सीखने के लिए आपको बहुत ज्यादा ताम-झाम की जरूरत नहीं है;

आप इन किताबों (Top 10 trading books in Hindi) की मदद से बिना ज्यादा खर्चों के शेयर मार्केट के बारे में एक-एक स्टेप अच्छे से सीख जाएंगे; बशर्ते आप यहाँ दी जा रही किताबों को अपना‌ फ्रेंड बना‌ लें; 

तो चलिए पोस्ट में आगे बढ़ते हैं; और जानते हैं कि शेयर मार्केट के बारे में सीखाने वाली 10 बेहतरीन किताबें (Top 10 trading books in Hindi) कौन-कौन सी हैं।

Best Trading Books In Hindi List For Beginners – बेस्ट ट्रेडिंग बुक्स लिस्ट

1. “शेयर बाजार में निवेश, ट्रेडिंग और स्पेकुलेशन” – राहुल भट्टाचार्य: यदि आप शेयर मार्केट से जुड़े हर एक स्टेप को बारीक से समझना चाहते हैं; तो यह किताब आपके लिए शेयर मार्केट के बारे में सीखाने वाली एक जबरदस्त किताब है।

2. “प्राइस एक्शन ट्रेडिंग” – सुनील गुर्जर: मैं  आपको बताना चाहूँगा कि शेयर मार्केट का पूरा खेल प्राइस एक्शन पर टिका है; इसलिए अगर आप प्राइस एक्शन में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं; टेक्निकल एनालिसिस को अच्छे से समझना चाहते हैं; तो इस किताब को पढ़ना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

3. “वॉरेन बफेट के निवेश के रहस्य” (हिंदी अनुवाद) – मैरी बफेट: अगर आप वारेन बफेट की निवेश रणनीति को अच्छे से समझाना चाहते हैं और उनकी तरह लंबी अवधि के लिए निवेश करने की कला में माहिर होना चाहते हैं;

तो आप मैरी बफेट के द्वारा लिखी इस किताब को एक बार जरूर पढ़ें; क्योंकि यह एक किताब नहीं; वारेन बफेट की निवेश सलाह है।

4. “ट्रेडिंग सिग्नल्स” – एडी लॉसन: यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग सिग्नल को समझने और इससे लाभ उठाने का अनुभव हासिल करना चाहते हैं;

तो आप एंडी लॉसन के द्वारा लिखी ट्रेडिंग सिग्नल की इस बेहतरीन किताब को पढ़ना ना‌ भूलें। यह किताब ट्रेडिंग सिग्नल के बारे में सीखाने वाली अबतक की सबसे बेस्ट किताब है।

5. “ऑप्शन ट्रेडिंग: गाइड टू रोलिंग एंड कैरिज ट्रेड्स” – राहुल अरोड़ा: आज कल शेयर मार्केट में लोगों के सर पर ऑप्शन ट्रेडिंग करने का भूत सवार हो गया है; लोगों का मानना है कि कम पूंजी में अनलिमिटेड प्रॉफिट कमाने‌ का सबसे अच्छा तरीका है; 

यदि आप भी ऑप्शन ट्रेडिंग करके अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं; तो आपको राहुल अरोड़ा की लिखी इस ऑप्शन ट्रेडिंग सीखाने वाली किताब को जरूर पढ़ें; क्योंकि इस किताब की मदद से आप ऑप्शन ट्रेडिंग की बारीकियों को अच्छे से समझ जाएंगे। 

Read Some More Trading Books – ट्रेडिंग से जुड़ी कुछ किताबों के नाम इस प्रकार हैं

6. “द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर” (हिंदी अनुवाद) – बेंजामिन ग्राहम: अगर आप एक सफल और बुद्धिमान निवेशक बनना चाहते हैं; तो आपको निवेश करने की वह कला सीखनी होगी; जो आपको निवेश की दुनिया में एक‌ महान निवेशक का दर्जा दिलाए;

इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है; बस आप एक बार बेंजामिन ग्राहम की लिखी इस किताब को पढ़ लें; यह किताब आपको निवेश के मूल सिद्धांतों को सीखने में आपकी मदद करेगी।

7. “कैंडलस्टिक चार्टिंग टेक्निक्स” – स्टीव निसन: अगर आप शेयर मार्केट में सफल होना चाहते हैं? नुकसान कम और लाभ ज्यादा कमाना चाहते हैं; तो आपको चार्ट पैटर्न को बारीकी से समझना होगा; और इसके आधार पर ट्रेडिंग करें; इसके लिए आप स्टीव निसन की किताब पढ़ना ही काफी है।

8. “ट्रेडिंग फॉर ए लिविंग” – एलेक्स लेंडर: यदि आप इस किताब को अभी तक नहीं पढ़े हैं; तो इसे एक बार जरूर पढ़ें; क्योंकि यह‌ किताब आपको ट्रेडर के रूप में जीवन जीने का तरीका सीखाती है ।

9. “जेड स्मिथ्स ट्रेडिंग डायरी” – जैड स्मिथ: इस किताब की मदद से आप एक रियल ट्रेडर के अनुभवों से सीखने और ट्रेडिंग में होने वाली गलतियों से बचने का तरीका सीखते हैं।

10. “मार्केट विजार्ड्स” (हिंदी अनुवाद) – जैक श्वागर: यदि आप शेयर मार्केट के सफल ट्रेडर्स के सोचने का तरीका और उनकी स्ट्रैटजी को बारीकी से समझना चाहते हैं; तो आप जैक श्वागर के द्वारा लिखी यह किताब “मार्केट विजार्ड्स” जरूर पढ़ें।

क्या इन किताबों को पढ़कर ट्रेडिंग सीखना आसान है?

बिल्कुल आसान है; पर आप यह याद रखिएगा कि ट्रेडिंग में सफल होने की 100% गारंटी कोई नहीं दे सकता; यहाँ पर बताई गईं सभी किताबें नॉलेज और स्ट्रैटजी सीखाती हैं; लेकिन ट्रेडिंग में सफल होने की 100% गारंटी नहीं देती हैं; 

पर आप याद रखिएगा; मेहनत, अनुशासन और शेयर मार्केट की अच्छी समझ आपको सफलता जरूर दिला सकती है।

सबसे जरूरी बात, अगर आप शेयर मार्केट में कदम रखने के लिए तैयार खड़े हैं; तो आपको अपने फाइनेंशियल लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता को अच्छे से समझ लेना चाहिए; क्योंकि इसके बिना ना कोई किताब (Best trading books in Hindi) और ना किसी की सलाह आपकी मदद करेगी;

दूसरी बात आप जब भी निवेश करिए लंबी अवधि के लिए करिए; क्योंकि लंबी अवधि के लिए किए गए निवेश में जोखिम कम और रिटर्न मिलने की संभावना अधिक होती है।

क्या ये किताबें मुझे अमीर बना देंगी?

इस बात को हमेशा याद रखिएगा कि ट्रेडिंग में सफल होने की 100% गारंटी मैं क्या, कोई नहीं दे सकता; किताबें तो बस आपको नॉलेज और स्ट्रैटजी सीखाती हैं; जबकि असली चीज़ आप अपनी मेहनत, अनुशासन, अभ्यास और अनुभव से सीखते हैं।

क्या शेयर मार्केट के बारे में सीखाने वाली ये सभी किताबें हिंदी में हैं?

हां, यह पर बताई गईं सभी किताबें हिंदी में हैं; आप इन्हें पढ़ें और शेयर मार्केट में आगे बढ़ें।

ट्रेडिंग सीखने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

मेरी मानिए आप ट्रेडिंग सीखने का वह बेहतरीन तरीका अपनाइए; जो आपकी व्यक्तिगत जरुरतों और सीखने की स्किल के आधार पर हो।

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म्यूचुअल फंड सही है या गलत (Mutual Fund Sahi Hai Ya Galat) कैसे जानें?

म्यूचुअल फंड सही है या गलत (Mutual Fund Sahi Hai Ya Galat) कैसे जानें? इस पोस्ट में, हम आपको म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे; जिससे आपको यह निर्णय लेने में आसानी होगी कि आपके लिए क्या सही है।

नमस्कार दोस्तों! क्या आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं; पर आपके मन में इस बात का डर बैठा हुआ है कि मैं म्यूचुअल फंड में निवेश करने को तो कर दूंगा; पर इसमें पैसा बनेगा या डूब जाएगा; अगर पैसा डूब गया तो मैं कंगाल हो जाऊँगा;

म्यूचुअल फंड सही है या गलत (Mutual Fund Sahi Hai Ya Galat) कैसे जानें

अगर इस तरह का डर आपके मन को घेर लिया है; तो आप थोड़ा ठहर जाइए; तब-तक, जबतक आप इस पोस्ट को पढ़कर खत्म नहीं कर लेते हैं;

क्योंकि आज इस पोस्ट में हम इसी सवाल पर चर्चा करने वाले है कि आपके लिए म्यूचुअल फंड सही है या गलत कैसे जानें?

आज इस पोस्ट में हम आपके इस सवाल का जवाब बखूबी देखने वाले हैं; बस आपको करना यह है कि आप थोड़ा सा समय निकाल कर इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ लीजिए; क्योंकि आज आपके फाइनेंशियल सेहत का सवाल है।

म्यूचुअल फंड सही हैं या गलत? अब हम आपको इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं; ताकि आप बिना किसी कन्फ्यूजन के सही फैसला ले सकें कि आपके लिए म्यूचुअल फंड सही हैं या गलत?

तो चलिए जानते हैं कि म्यूचुअल फंड सही है या गलत (Mutual Fund Sahi Hai Ya Galat)?

सही-गलत का फैसला करने से पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर यह म्यूचुअल फंड होता क्या है?

म्यूचुअल फंड निवेश करने का वह तरीका है; जिसमें फंड मैनेजर आपके और कई छोटे-बड़े निवेशकों के पैसे को फंड के रुप में इकट्ठा करता है; और फिर उस फंड को शेयर बाजार, बॉन्ड आदि में निवेश करता है; 

निवेश करने के इस तरीके को ही म्यूचुअल फंड कहते हैं; इस फंड की कमान फंड मैनेजरों के हाँथ में होता है; जो अपने अनुभव और काबिलियत के दम पर आपके जमा पैसे को सही जगह पर निवेश करते हैं; ताकि आपको अच्छा प्रॉफिट मिल सके और आपके पैसे के डूबने की संभावना कम हो सके।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के फायदे क्या-क्या हैं? 

  • विविधीकरण (Diversification): म्यूचुअल फंड में आपका पैसा फंड मैनेजरों द्वारा एक साथ कई तरह की कंपनियों के शेयरों और एसेट में निवेश किया जाता है; जिससे आपके पोर्टफोलियो का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है।
  • प्रोफेशनल मैनेजमेंट: म्यूचुअल फंड में आपके पैसे को अनुभवी और काबिल फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है; जो आपके लिए सबसे अच्छे इन्वेस्टमेंट प्लान का चुनाव करते हैं। 
  • लिक्विडिटी: म्यूचुअल फंड में निवेश करने का फायदा यह भी है कि आप आसानी से अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बेच या खरीद सकते हैं, और अपने पैसे को 48 घंटों के भीतर अपने अकाउंट में डिपॉजिट कर सकते हैं।
  • कम लागत: म्यूचुअल फंड में गरीब या अमीर कोई भी निवेश कर सकता है; क्योंकि इसमें निवेश की शुरूआत ₹500 से भी किया जा सकता है; आप अपने बजट के अनुसार नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं।
  • विकास की संभावनाएं: याद रखें; म्यूचुअल फंड आपको भारतीय शेयर मार्केट के विकास का लाभ उठाने का अवसर देता है; इसकी मदद से आप अपने फाइनेंशियल लक्ष्य को आसानी‌ से हासिल कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के फायदे तो आप समझ गएं; अब चलिए जान लेते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान क्या हो सकते हैं?

  1. शेयर मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव: निवेश करते समय आप याद रखें कि शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव होना आम बात है; और इसका असर आपके निवेश पर पड़ना स्वाभाविक है; अगर आप इस उतार-चढ़ाव के जोखिम से बचना चाहते हैं; तो आप लंबी अवधी के लिए निवेश करें; क्योंकि ऐसा करके आप निवेश के जोखिम को काफी हद तक‌ कम कर सकते हैं।
  2. फंड मैनेजर का परफॉरमेंस: म्यूचुअल फंड में आपका पैसा फंड मैनेजर के फैसलों पर डिपेंड करता है; इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय अच्छे फंड मैनेजर का‌ चुनाव करना महत्वपूर्ण होता है।
  3. लागत और खर्च: हर म्यूचुअल फंड कंपनी आपके निवेश को मैनेज‌ करने का मैनेजमेंट चार्ज आदि लेती है; और यह चार्ज आपके रिटर्न में से कटता है।

अब चलिए यह जान लेते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश करना सही है या गलत?

म्यूचुअल फंड में निवेश करना सही है या गलत; यह आपके फाइनेंशियल लक्ष्य, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश करने की अवधी पर डिपेंड करता है:

  • लंबी अवधि के लक्ष्य, जैसे – रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई, आदि: अगर आप इन सबके लिए निवेश करना चाहते हैं; तो आपके लिए म्यूचुअल फंड निवेश करने का एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है; इसमें आपको रिस्क मैनेजमेंट और कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है।
  • छोटी अवधि के लक्ष्य, जैसे – फॉरेन ट्रीप, कार खरीदना, पर्सनल खर्च, आदि: अगर आप इन सभी लक्ष्य को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं; तो मेरी मानिए आप निवेश करने का‌ कोई दूसरा रास्ता देखिए; क्योंकि शॉर्ट टर्म के लिए किए गए निवेश में जोखिम ज्यादा होता है।
  • अगर आप जोखिम लेने से डरते हैं; तो आप कम जोखिम वाले फंड्स चुन सकते हैं, पर याद रखिएगा कि रिटर्न भी कम मिलेगा।
  • अगर आपको इंवेस्टमेंट करने का नॉलेज नहीं है; तो आप किसी अच्छे फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद जरूर लें।

निष्कर्ष: आप याद रखिएगा – म्यूचुअल फंड न तो पूरी तरह से सही है, न ही गलत है; ये सिर्फ निवेश करने का एक अलग तरीका है,

जिसका सही इस्तेमाल करके आप अपने फाइनेंशियल ड्रीम को सच कर सकते हैं; निवेश करने से पहले आप अपना होमवर्क करें, खुद से सवाल पूछें, और एक अच्छे निवेशक बनें।

म्यूचुअल फंड में कितना निवेश करना चाहिए?

आप हर महीने ₹500 के SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) से शुरुआत कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में कौन सा फंड चुनूं?

आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आप अपने फाइनेंशियल लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता को पहचानें; रिसर्च करें और फिर इसके अनुसार फंड का चुनाव करें।

म्यूचुअल फंड से कब पैसे निकालूं?

जब तक आपका लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता तबतक लंबी अवधि में बने रहें; ताकि आपको अपने फाइनेंशियल लक्ष्य को पूरा करने के लिए अच्छा रिटर्न न मिल जाये।

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शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें (Trading Ki Shuruaat kaise Kare)?

ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें (Trading ki shuruaat kaise kare); आज इस पोस्ट में आप सीखेंगे कि ट्रेडिंग क्या है, इसके प्रकार, ट्रेडिंग शुरू करने के लिए जरूरी चीज़ें, ट्रेडिंग के लिए स्किल और योग्यता।

आज इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे शुरू करें (Share market mein trading ki shuruaat kaise kare);

यदि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ते हैं; तो आपको ट्रेडिंग शुरू करने के लिए काफी हद तक मदद मिल जाएगी;

तो चलिए पोस्ट में आगे बढ़ते हैं; और जानते हैं कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरूआत कैसे शुरू करें (Share market mein trading ki shuruaat kaise kare);

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें (Trading Ki Shuruaat kaise Kare)?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे शुरू करें (Share market mein trading ki shuruaat kaise kare); इन स्टेप्स को फॉलो करें –

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको यहाँ दिए जा रहे सभी स्टेप्स को एक-एक कर फॉलो करना होगा 

पहला स्टेप – शेयर मार्केट से जुड़ी हर छोटी से बड़ी महत्वपूर्ण बातें सीखें – इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि शेयर मार्केट कैसे काम करता है,

और शेयरों की कीमतें कैसे गिरती और बढ़ती हैं; यह सबकुछ अच्छे से समझने या जानने के लिए आप ऑनलाइन, किताबों से, या किसी रजिस्टर्ड ट्रेडिंग कोच से मदद ले सकते हैं।

दूसरा स्टेप – एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें – आप याद रखें; शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरूआत करने के लिए आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना ही चाहिए; डीमैट अकाउंट आपको शेयर खरीदने और बेचने का परमिशन देता है। 

जबकि एक ट्रेडिंग अकाउंट आपको शेयर मार्केट में ऑर्डर देने का परमिशन देता है; आप किसी भी सेबी रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर से डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।

तीसरा स्टेप – आप अपने जोखिम लेने की क्षमता को अच्छे से पहचानें – शेयर बाजार में निवेश करना एक जोखिम भरा काम है;

इसलिए आप नुकसान होने की संभावना को जानने के लिए आपको अपने जोखिम लेने की क्षमता को अच्छे से समझना बहुत जरूरी है।

चौथा स्टेप – एक बेहतरीन इंवेस्टमेंट स्ट्रैटजी बनाएं – आप याद रखिएगा कि एक सही स्ट्रैटजी आपको यह डिसिजन लेने में मदद करती है कि आप किन शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, और आप अपने किए गए निवेशों को कैसे मैनेज करते हैं।

पांचवा स्टेप – एक प्रॉफिटेबल ट्रेडिंग स्ट्रैटजी विकसित करें – याद रखें; यह प्रॉफिटेबल ट्रेडिंग स्ट्रैटजी आपको यह डिसिजन लेने में मदद करती है कि आप कब स्टॉक खरीदेंगे और कब बेचेंगे।

छठवां स्टेप – आप अपने किए गए इंवेस्टमेंट को मैनेज करें – यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय नुकसान से बचना चाहते हैं;

तो आपको अपने किए गए इंवेस्टमेंट को नियमित रूप से मैनेज करना होगा; क्योंकि इससे आपको अपने जोखिम को कम करने और अपने किए गए इंवेस्टमेंट से ज्यादा प्रॉफिट पाने में मदद मिलती है।

ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं?

शेयर मार्केट में मुख्य रूप से दो तरह की ट्रेडिंग किया जाता हैं:

  • इंट्राडे ट्रेडिंग: इस ट्रेडिंग में एक ही दिन के भीतर सुबह 9:15 से दोपहर 3:15 से पहले आपको शेयरों को खरीदना और बेचना पड़ता है।
  • डिलीवरी ट्रेडिंग: डिलीवरी ट्रेडिंग एक तरह का स्टॉक ट्रेडिंग है जिसमें आपको खरीदे गए शेयरों को अपने पास अगले कारोबारी दिन तक रखना होता है। 

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्टॉक्स शुरू करने के लिए यहां कुछ बोनस टिप्स दिए जा रहे हैं; जिन्हें आप ध्यान से समझिए –

  • थोड़े से पैसे के साथ ट्रेडिंग शुरू करें – आप याद रखिएगा कि जब आप शेयर मार्केट में नए हों और ट्रेडिंग करने की शुरूआत कर रहे हों, तो आपको थोड़े से पैसे के साथ शुरूआत करनी चाहिए; क्योंकि ऐसा करने पर आपको ट्रेडिंग में जोखिम कम करने में मदद मिलती है।
  • अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखें – हाँ, यह सही है कि शेयर मार्केट में निवेश करते समय, हमें अपनी भावनाओं पर कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी होता है; क्योंकि भावनाएं हमेशा सही और समझदारी भरा निर्णय लेने में मुश्किलें खड़ा कर देती हैं।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरूआत करने से पहले, आप अच्छी तरह से रिसर्च करें और एक सही समझदारी भरा इंवेस्टमेंट स्ट्रैटजी विकसित करें।

आप इस बात को याद रखिएगा कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्टॉक्स एक मुश्किल भरा काम हो सकता है; लेकिन सही तैयारी और अनुशासन के साथ आप इस फिल्ड में सफलता हासिल कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ें : शेयर मार्केट का किंग कौन है? Share Market King In India

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने का मन बना रहे हैं; तो आपकी उम्र लगभग 18 वर्ष तो होनी ही चाहिए।

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए मुझे कितना पैसा चाहिए?

यदि आप शेयर मार्केट में नए हैं; तो आपको‌ कम पैसे से निवेश करना चाहिए; आप इसे 500 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं।

क्या शेयर मार्केट सुरक्षित है?

हाँ, शेयर मार्केट सुरक्षित है, लेकिन आप याद रखें; इसमें रिस्क बहुत ज्यादा होता है; इसलिए शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले आपको अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर ले लेना चाहिए।

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शेयर मार्केट का किंग कौन है? Share Market King In India

आज इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे कि शेयर‌ मार्केट का किंग (Share market king in India) कौन है? यदि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ते हैं;

तो आपको यह आसानी से पता चल जाएगा कि शेयर मार्केट का किंग कौन था; और शेयर मार्केट का किंग (Share market king in India) कौन है? तो चलिए पोस्ट में आगे बढ़ते‌ हैं; और जानते हैं कि वाकई शेयर मार्केट का किंग कौन है?

जब आप शेयर मार्केट में अपना पहला कदम रखते हैं; और यहाँ अपना कैरियर बनाने के बारे में सोचते हैं; तो आपके दिमाग में अभी ना अभी यह सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर “शेयर मार्केट का किंग कौन है?”

और आप इस सवाल का जवाब सिर्फ इसलिए पाना चाहते हैं ताकि आपको उनसे शेयर मार्केट में सफल होने की प्रेरणा मिल सके और आप उनके रहस्य को जान सकें; क्यों मैं सही कह रहा हूँ ना?

शेयर मार्केट का किंग कौन है - Share Market King In India

भारत में शेयर मार्केट का किंग कौन है – Share Market King In India

शेयर मार्केट कोई खेल नहीं है, जहां एक ही विजेता हो। यह एक ऐसा बाजार है, जहां हर किसी को जीतने का मौका होता है। यहां राजा नहीं, रणनीतियां, अनुशासन और धैर्य ही राज करते हैं।

हालांकि, कुछ ऐसे निवेशक हैं, जिन्होंने अपनी समझ और अनुभव से लंबी अवधि में शानदार रिटर्न हासिल किया है। इनमें से कुछ को “शेयर मार्केट के किंग” का तमगा दिया जाता है।

शेयर मार्केट के कुछ गिने-चुने किंग कुछ इस प्रकार हैं

भारत में, ऐसे कई दिग्गज निवेशक हैं, जिनसे प्रेरणा ली जा सकती है (Share Market King In India) – 

  • राकेश झुनझुनवाला: एक समय था, जब इस महान निवेशक को “भारत का वॉरेन बफेट” के रुप में जाना जाता था; क्योंकि इन्होंने भी वॉरेन बफेट की तरह छोटे अमाउंट लगभग 5,000 रुपये से निवेश शुरू करके अपनी योग्यता और धैर्य के दम पर अरबों रुपये की संपत्ति हासिल की; अगर उनकी निवेश रणनीति के बारे में बात किया जाए; तो वे हमेशा लंबी अवधि के लिए अच्छी कंपनी में निवेश करने में विश्वास रखते थें।
  • राधाकिशन दमानी: इस महान निवेशक को रिटेल और शेयर मार्केट के किंग दोनों की उपाधि दी जाती है; आपकी जानकारी के लिए मैं आपको बता दूँ कि दमानी D-Mart स्टोर चेन के फाउंडर और शेयर मार्केट के महान निवेशक हैं; अगर इनकी निवेश रणनीति के बारे में बात किया जाए; तो ये कर्ज से मुक्त कंपनियों में लंबी अवधि के लिए निवेश करने में विश्वास रखते हैं।
  • मोहनलाल बहेड़ा: ये भी शेयर मार्केट के किंग की लिस्ट में शामिल हैं; इस महान निवेशक को “बाजार का मिस्टर बुल” के नाम से जाना जाता है। आपकी जानकारी के लिए मैं आपको बता देना चाहता हूँ कि बहेड़ा को शेयर मार्केट में उनकी सुपरफास्ट ट्रेडिंग स्किल के लिए जाना जाता है और बहेड़ा बाजार की हर एक चाल को बहुत अच्छे से जानते हैं।

इन तीनों शेयर मार्केट के किंग के अलावा, कई और शेयर मार्केट किंग हैं जिन्होंने शेयर बाजार में अपना लोहा मनवाया है।

शेयर मार्केट का किंग कैसे बने (Share Market Ka King Kaise Bane)?

अगर आप भी राकेश झुनझुनवाला,‌ राधाकिशन दमानी और मोहनलाल बहेड़ा की तरह शेयर मार्केट का किंग बनने का सपना देख रहे हैं; तो इसके लिए आपको किसी विशेष चमत्कार की जरूरत‌ नहीं; बस आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा:

  • फाइनेंशियल एजुकेशन: शेयर मार्केट का किंग बनने के लिए आपको शेयर मार्केट की छोटी से बड़ी बातों को समझना बहुत जरूरी है।
  • सही स्ट्रैटजी: अगर आप शेयर मार्केट में‌ सफल होने का सपना देख रहे हैं; तो आपको अपने फाइनेंशियल कंडिशन और रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार एक बेस्ट स्ट्रैटजी बनानी होगी।
  • अनुशासन: शेयर मार्केट में सफलता हासिल करने के लिए आपको अपनी बनाई हुई स्ट्रैटजी का अच्छे से पालन करना होगा और अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखना होगा; क्योंकि अगर आप अपनी भावनाओं में बहकर निर्णय लेंगे; तो आप शेयर मार्केट में सफल होने के बजाए; सिर्फ नुकसान झेलेंगे।
  • धैर्य: शेयर बाजार में रातोंरात सफल होने का‌ सपना मत देखिए; क्योंकि यहाँ पर सफलता हासिल करने में लंबा समय लगता‌ है; इसलिए आप धैर्य रखें और अपने लक्ष्य से कभी न भटकें।

इसे भी पढ़ें : भारतीय शेयर मार्केट का इतिहास – The History Of Indian Share Market

आप याद रखिएगा – शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहां हर कोई सफल हो सकता है; बस आपको खुद पर विश्वास रखना है,

सही स्ट्रैटजी बनानी है और धैर्य के साथ निवेश में आगे बढ़ना है; तो फिर आज से ही आप शेयर मार्केट का किंग बनने की तैयारी शुरू कर दीजिए।

शेयर मार्केट में शुरूआत कैसे करें?

शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए; अकाउंट खुलवाने के लिए आप किसी अच्छे ब्रोकरेज फर्म की मदद ले सकते हैं या फिर आप ऑनलाइन अकाउंट खोल सकते हैं।

कितना पैसा लगाना चाहिए?

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए कितना पैसा लगाएं और कितना न लगाएं; यह आपकी बजट और रिस्क लेने की क्षमता पर डिपेंड करता है।

किस कंपनी में निवेश करना चाहिए?

अगर आप शेयर मार्केट में किसी कंपनी में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं; तो आपके मन में यह सवाल आ ही जाता होगा कि किस कंपनी में निवेश करना चाहिए; तो आप मेरी मानिए; निवेश करने से पहले आप उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें या आप इस बारे में किसी वित्तीय सलाहकार से मदद लें।

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म्युचुअल फंड में रिस्क कैसे कम करे, Mutual Fund Me Risk Kaise Kam Kare

आज इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे कि म्युचुअल फंड में रिस्क को कैसे कम करें (Mutual fund me risk kaise kam kare);

यदि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ते हैं; तो यहाँ बताए गए स्टेप्स को फॉलो करके आप बहुत आसानी से म्युचुअल फंड में रिस्क को मैनेज़ करना करना सीख जाएंगे; 

तो चलिए पोस्ट में आगे बढ़ते हैं; और जानते हैं कि म्युचुअल फंड में रिस्क को कम कैसे करें (Mutual fund me risk kaise kam kare); उससे पहले जान लेते हैं कि म्युचुअल फंड में रिस्क किस तरह के होते हैं। 

म्युचुअल फंड में रिस्क कैसे कम करे, Mutual Fund Me Risk Kaise Kam Kare

म्यूचुअल फंड में रिस्क के प्रकार क्या हैं और म्युचुअल फंड में रिस्क कैसे कम करें (Mutual Fund Me Risk Kaise Kam Kare) ?

आप याद रखें; म्यूचुअल फंड में कई तरह के रिस्क देखने को मिलते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • मार्केट रिस्क: म्युचुअल फंड में यह रिस्क मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता रहता है; इसलिए अगर मार्केट में गिरावट आती है, तो आपके म्यूचुअल फंड का मूल्य भी गिर सकता है।
  • क्रेडिट रिस्क: यह उस रिस्क की ओर इशारा करता है; जब म्यूचुअल फंड द्वारा निवेश की गई कंपनियाँ अपने ऋणों का भुगतान करने में असफल हो जाती हैं।
  • इन्फ्लेशन रिस्क: यह रिस्क मुद्रास्फीति (inflation) से जुड़ा है, जो आपके म्यूचुअल फंड के रिटर्न के मूल्य को कम कर देता है।
  • सेक्टर रिस्क: यह उस रिस्क के बारे में बताता है; जब म्यूचुअल फंड द्वारा निवेश किया गया सेक्टर खराब प्रदर्शन करता है।

म्यूचुअल फंड में रिस्क कम करने के आसान तरीके :

आप याद रखिएगा; म्युचुअल फंड में निवेश करना आपके लिए एक सुरक्षित और अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है, लेकिन वही बात हो गई; अच्छाई के साथ बुराई भी जन्म लेती है; 

मेरे कहने का मतलब यह है कि म्युचुअल फंड में निवेश करने के फायदे के साथ-साथ इसमें भी कुछ रिस्क होते हैं; जो हमने आपको पहले ही बता दिया;

आप म्युचुअल फंड में रिस्क को कम करने के लिए यहाँ बताए जा रहे स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:

पहला स्टेप – अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचानें – म्युचुअल फंड में निवेश करने से पहले, आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि आप म्युचुअल फंड में निवेश करते समय कितना रिस्क लेने के लिए तैयार हैं। 

यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको ज्यादा रिस्क लेने के लिए तैयार रहना होगा;

वहीं अगर आप कम समय के लिए निवेश करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए कम रिस्क वाले म्युचुअल फंड में निवेश करना अच्छा विकल्प हो सकता है। 

दूसरा स्टेप – अपने पैसे को एक ही फंड या क्षेत्र में निवेश करने से बचें – आप याद रखिएगा कि एक ही फंड या क्षेत्र में अपने सारे पैसे को निवेश करने से रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ जाता है; इसलिए मेरी‌ मानिए; आप अपने पैसे को अलगअलग फंड और क्षेत्र में निवेश करिए; 

अगर आप ऐसा करते हैं; तो आप अपने रिस्क को बहुत ज्यादा कम कर सकते हैं। आप अपने पैसे को डेट फंड, इक्विटी फंड, और म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।

तीसरा स्टेप – नियमित रूप से निवेश करें – आप एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) की मदद से नियमित रूप से छोटे-छोटे निवेश कर सकते हैं। 

एसआईपी म्युचुअल फंड में निवेश करने का वह तरीका है; जिसके इस्तेमाल से आप अपने निवेश को बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से दूर रख सकते हैं।

चौथा स्टेप – शॉर्ट टर्म के बजाय लंबी अवधि के लिए निवेश करें – आप इस बात को याद रखिएगा कि म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए लंबी अवधि सबसे अच्छी होती है; लंबी अवधि में, आप बाजार के उतार-चढ़ाव से होने वाले रिस्क को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

यहाँ बताए गए सभी स्टेप्स को फॉलो करके, आप म्युचुअल फंड में रिस्क को काफी ज्यादा कम कर सकते हैं और अपने किए गए निवेश से अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।

यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए जा रहे हैं; जिनकी मदद से आप म्युचुअल फंड में रिस्क को कम कर सकते हैं:

  • एक अनुभवी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना न भूलें – याद रखें एक वित्तीय सलाहकार (फाइनेंशियल एडवाइजर) आपकी फाइनेंशियल कंडिशन और रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर सही म्युचुअल फंड का चुनाव करने में आपकी मदद कर सकता है।
  • निवेश करने से पहले फंड के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च जरूर करें – याद रखें; किसी भी म्युचुअल फंड में निवेश करने से पहले, फंड के परफॉरमेंस, फंड मैनेजर की पापुलैरिटी, और अन्य संबंधित जानकारी का सावधानीपूर्वक अध्ययन करें।
  • फंड की कीमतों को नियमित रूप से ट्रैक करें – याद रखिएगा – म्युचुअल फंड की कीमतें समय के साथ बदलती रहती हैं; इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि आप फंड की कीमतों को नियमित रूप से ट्रैक करते रहें और अगर जरूरी हो; तो अपने निवेश को एडजस्ट जरूर करें।

मैं आपको एक बार फिर याद दिलाना चाहूंगा कि म्युचुअल फंड में निवेश करना आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है; लेकिन आप यह भी याद रखिएगा कि इसमें कुछ रिस्क भी होते हैं; और इन रिस्क को कम करने के लिए, यहाँ गए स्टेप्स को फॉलो करना बहुत ज्यादा जरूरी है।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले हमें किन बातों पर विचार करना चाहिए?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको एक नहीं कई बातों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि आपकी निवेश योग्यता, आपके रिस्क लेने की क्षमता और आपके फाइनेंशियल टार्गेट। आपको अपने म्यूचुअल फंडों का चार्ज और परफॉरमेंस रिकॉर्ड की भी जांच कर लेनी चाहिए।

मैं अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लाऊँ?

अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को विविधता देने के कई तरीके होते हैं। आप कई तरह के म्यूचुअल फंडों में निवेश कर सकते हैं, जैसे कि इक्विटी फंड, डेट फंड और हाइब्रिड फंड; इसके साथ ही आप विभिन्न प्रकार के सेक्टरों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंडों के बारे में सोच सकते हैं।

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भारत में बेस्ट फंड मैनेजर, Best Fund Manager In India 2024

आज इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे कि भारत में बेस्ट फंड मैनेजर (Best Fund Manager In India) कौन हैं; 

यदि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ते हैं; तो आपको अच्छे से समझ में आ जाएगा कि सबसे अच्छे फंड मैनेजर कौन होते हैं; वे क्या करते हैं; उनकी पहचान क्या होती है; और आपके लिए कौन सा फंड मैनेजर अच्छा होता है; 

भारत में बेस्ट फंड मैनेजर - Best Fund Manager In India 2024

इसके साथ ही आप जानेंगे कि भारत के टॉप 10 फंड मैनेजर कौन हैं; तो चलिए पोस्ट में आगे बढ़ते हैं; और जानते हैं कि भारत में बेस्ट फंड मैनेजर ( Best Fund Manager In India ) कौन हैं?

याद रखें; म्यूचुअल फंड (Mutual fund) निवेश करने का एक सबसे अच्छा तरीका है; और यह तरीका आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकता है। 

लेकिन इस बात को भी याद रखिएगा कि सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करना आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है,

खासकर तब जब बाजार में निवेश करने का एक नहीं कई ऑप्शन मौजूद हों; बस इसी वजह से एक अच्छे फंड मैनेजर का चुनाव करना बहुत जरूरी हो जाता है।

भारत में बेस्ट फंड मैनेजर क्या करता है – Best Fund Manager In India

चलिए जानते हैं कि फंड मैनेजर का काम क्या होता है –

याद रखें; एक फंड मैनेजर का काम फंड के निवेश और मैनेजमेंट से जूड़ा होता है; उसके काम में फंड की निवेश रणनीति को तैयार करना; अलग-अलग एसेट्स (परिसंपत्तियों) में फंड का वितरण करना, फंड के पोर्टफोलियो को ट्रेड और रीबैलेंस करना, और फंड के परफॉरमेंस का मूल्यांकन करना शामिल है। 

एक फंड मैनेज़र फंड के लक्ष्यों (Fund goals), जोखिम प्रोफाइल (Risk profile), और बाजार की कंडिशन के अनुसार फंड के लिए सबसे अच्छे निवेश विकल्पों का चुनाव करता है।

वह अपने फंड के निवेशकों को नियमित रूप से फंड के बारे में जानकारी और सलाह देता रहता है।

एक फंड मैनेजर के पास फाइनेंशियल एनालिसिस, मार्केट रिसर्च, स्ट्रैटजी मेकिंग, और टीम लीडरशिप के बेहतरीन स्किल होने चाहिए।

याद रखें; एक फंड मैनेज़र अपने फंड के लिए एक व्यक्ति, दो लोगों, या एक टीम के रूप में काम कर सकता है। 

फंड मैनेज़र अपने फंड के लिए फीस लेता है, और यह फीस फंड की औसत संपत्ति का 1% होता है;

वह म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड, ट्रस्ट फंड, या हेज फंड जैसे अलग-अलग प्रकार के फंड को मैनेज कर सकता है।

भारत में बेस्ट फंड मैनेजर (Best Fund Manager) की पहचान कैसे करें?

हमारे देश में एक नहीं कई बेहतरीन फंड मैनेजर मौजूद हैं; लेकिन कुछ ऐसे भी फंड मैनेज़र हैं; जो दूसरों से बिल्कुल अलग हैं।

नीचे बताए जा रहे कारकों पर विचार करके आप भारत में बेस्ट फंड मैनेजर (Best Fund Manager) की पहचान आसानी से कर सकते हैं:

  1. ट्रैक रिकॉर्ड: याद रखें; एक कुशल फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत होता है; इसका मतलब यह है कि उनके द्वारा मैनेज किए जाने वाले फंड लगातार अच्छा परफॉर्म करते है।
  2. इंवेस्टमेंट स्किल: निवेश करने से पहले आप यह सुनिश्चित करें कि फंड मैनेजर की इंवेस्टमेंट स्किल आपके निवेश लक्ष्यों के साथ मेल खाती है या नहीं; उदाहरण के लिए, यदि आप जोखिम लेना पसंद करते हैं, तो आप एक ऐसे फंड मैनेजर को चुनाव करना चाहेंगे; जो ग्रोथ (विकास) स्टॉक में निवेश करता है।
  3. अनुभव: एक अनुभवी फंड मैनेजर के पास बाजार के ट्रेंड्स को समझने और सही निवेश करने का निर्णय लेने की योग्यता और नॉलेज होगा।

भारत के टॉप 10 फंड मैनेजर:

भारत में कई बेहतरीन फंड मैनेजर हैं; लेकिन यहाँ हम आपको टॉप 10 फंड मैनेज़रों के नाम बताने जा रहे हैं:

  1. Aniruddha Naha
  2. Shreyash Devalkar
  3. Sankaran Naren
  4. R. Srinivasan
  5. Sohini Andani
  6. Jinesh Gopani
  7. Manish Gunawan
  8. Chandraprakash Padiyar
  9. Harsha Upadhyaya
  10. Ankit Agarwal

आपके लिए कौन सा फंड मैनेजर सही है?

सही फंड मैनेज़र का चुनाव आपके निवेश लक्ष्यों और जोखिम लेने की सहनशीलता पर डिपेंड करता है। यदि आपको जोखिम लेना पसंद हैं;

और आप हाई रिटर्न की तलाश में हैं, तो इससे यह तय है कि आप एक ऐसे फंड मैनेजर को चुनाव करना चाहेंगे जो हाई रिटर्न स्टॉक में निवेश करता हो। 

वहीं अगर आपको जोखिम लेना पसंद नहीं है; और आप एक स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं, तो आप एक ऐसे फंड मैनेजर को चुनाव करना चाहेंगे जो मूल्य स्टॉक या बॉन्ड में निवेश करता हो।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें दी जा रही हैं; जिस पर आप विचार करके अपने लिए सही फंड मैनेजर चुनाव कर सकते हैं:

  • निवेश करने से पहले अपने निवेश लक्ष्यों को निर्धारित करें – क्या आप अपने किए गए निवेश का उपयोग रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा या कुछ और के लिए करना चाहते हैं? यदि आप अपने लक्ष्यों को निवेश करने से पहले जान लेते हैं; तो आप सही प्रकार के फंड और फंड मैनेजर का चुनाव आसानी से कर सकते हैं।
  • निवेश करने से पहले आप अपने जोखिम लेने की क्षमता को पहचानें – निवेश करने से पहले आपको यह तय करना होगा कि आप कितना जोखिम लेने के लिए तैयार हैं? यदि आपको जोखिम लेना पसंद नहीं हैं, तो आपको एक ऐसे फंड मैनेजर का चुनाव करना चाहिए जो कम जोखिम वाले स्टॉक्स में निवेश करता है।
  • फंड मैनेजर की ट्रैक रिकॉर्ड की जांच जरूर करें – आपको यह देखना है कि उनके द्वारा मैनेज़ किए गए फंडों ने पिछले कुछ सालों में कैसा परफॉर्म किया है; लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि पिछला परफॉरमेंस भविष्य में अच्छे परफॉरमेंस की गारंटी नहीं देता है।
  • फंड मैनेजर के इंवेस्टमेंट स्किल को अच्छे से समझें – आप यह जानने की कोशिश करें कि क्या वे ग्रोथ स्टॉक, मूल्य स्टॉक, बॉन्ड या अन्य प्रकार के निवेशों में निवेश करते हैं; या नहीं? अगर आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि फंड मैनेजर आपके इंवेस्टमेंट स्किल के अनुरूप है या नहीं; तो आपको फंड मैनेज़र के इंवेस्टमेंट स्किल को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
  • हो सके तो फंड मैनेजर के साथ एक मुलाकात जरूर करें – अगर अभी भी आप यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपके लिए कौन सा फंड मैनेजर सही है, तो आप फंड मैनेजर के साथ एक मुलाकात जरूर करें; क्योंकि इससे आपको उनके बारे में और अधिक जानने और यह तय करने में मदद मिलेगी कि क्या वे आपके लिए सही हैं या नहीं।

मेरी इस बात को याद रखिएगा – यदि आप सचमुच यह सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि कौन सा फंड मैनेजर आपके लिए सही है,

तो आपके लिए एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना अच्छा होगा; क्योंकि वे आपको आपकी आवश्यकताओं के आधार पर आपको सही सलाह दे सकते हैं।

इसे भी पढ़ें : भारतीय शेयर मार्केट का इतिहास – The History Of Indian Share Market

भारत में सर्वश्रेष्ठ फंड मैनेजर का चयन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

भारत में सर्वश्रेष्ठ फंड मैनेजर का चुनाव करते समय आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
ट्रैक रिकॉर्ड चेक करें: एक अच्छे और कुशल फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत होना जरूरी है।
निवेश शैली की तुलना करें: आप यह सुनिश्चित करें कि फंड मैनेजर की निवेश शैली आपके निवेश लक्ष्यों से मेल खाती है या नहीं।
अनुभव: याद रखें; एक अनुभवी फंड मैनेजर के पास मार्केट ट्रेंड्स को समझने और सही निवेश निर्णय लेने का स्किल और नॉलेज होता है।

भारत में शीर्ष 10 फंड मैनेजर कौन हैं?

भारत में टॉप 10 फंड मैनेजरों के नाम कुछ इस प्रकार हैं:
Aniruddha Naha
Shreyash Devalkar
Sankaran Naren
R. Srinivasan
Sohini Andani
Jinesh Gopani
Manish Gunawan
Chandraprakash Padiyar
Harsha Upadhyaya
Ankit Agarwal

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भारतीय शेयर मार्केट का इतिहास – The History Of Indian Share Market

आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको भारतीय शेयर मार्केट का इतिहास (The history of indian share market) के बारे में बताएंगे; यदि आप वाकई शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं;

तो सबसे पहले आप शेयर मार्केट का इतिहास जान लीजिए; क्योंकि जब आप इस मार्केट के इतिहास को समझ लेते हैं; तो आप निवेश करते समय सही निर्णय ले सकते हैं। 

भारतीय शेयर मार्केट का इतिहास - The History Of Indian Share Market In Hindi

भारतीय शेयर मार्केट का इतिहास (The History Of Indian Share Market):

भारतीय शेयर मार्केट, जिसे दूसरे शब्दों में स्टॉक मार्केट के नाम से भी जाना जाता है; आप याद रखिएगा – शेयर मार्केट भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian GDP) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफार्म है; जहाँ निवेशक कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं; भारतीय शेयर मार्केट का इतिहास काफी पूराना और उतार-चढ़ाव वाला रहा है।

भारतीय शेयर मार्केट की शुरुआत

भारतीय शेयर मार्केट की शुरुआत 1850 के दशक में मुंबई में हो चुकी थी; इस मार्केट की पहली खरीद और बिक्री एक बरगद के पेड़ के नीचे हुई थी। 

उस जमाने में, कपास के व्यापारियों ने अपने सौदों की बिक्री के लिए इस पेड़ के नीचे इकट्ठा होना शुरू कर दिया था; समय बीतने के साथ-साथ, कपास के अलावा और भी अन्य सामान इसमें शामिल हो गएं और इस तरह भारतीय शेयर मार्केट की शुरुआत हुयी।

भारतीय शेयर मार्केट का विकास

1875 में, BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) की स्थापना की गई; यह एशिया का सबसे पुराना शेयर मार्केट एक्सचेंज है; बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की स्थापना के बाद,

भारतीय शेयर मार्केट में तेजी से विकास हुआ; और 1920 के दशक में, भारतीय शेयर मार्केट दुनिया के सबसे बड़े शेयर मार्केटों में से एक बन गया था।

भारतीय शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव

भारतीय शेयर मार्केट का इतिहास काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है; 1929 के विश्वव्यापी मंदी (Global recession) के दौरान, भारतीय शेयर मार्केट बहुत ज्यादा गिर गया था। 

1947 में देश आजाद होने के बाद, भारतीय शेयर मार्केट में एक बार फिर तेजी आई थी; लेकिन 1960 के दशक में भारत और चीन के बीच होने वाले युद्ध और 1970 के दशक में तेल संकट के कारण भारतीय शेयर मार्केट में एक बार फिर बहुत ज्यादा गिरावट देखने को मिली थी।

भारतीय शेयर मार्केट का वर्तमान

लेकिन आज, भारतीय शेयर मार्केट दुनिया के सबसे बड़े शेयर मार्केटों में से एक माना जाता है। भारतीय शेयर मार्केट में इंवेस्ट करने के लिए दुनिया भर के इंवेस्टर्स प्रभावित हो रहे हैं। 

भारतीय शेयर मार्केट में इंवेस्ट करने के एक नहीं कई फायदे हैं, जैसे कि हाई रिटर्न की संभावना, डाइवर्सिटी और लिक्विडिटी।

भारतीय शेयर मार्केट में कैसे निवेश करूं?

अगर आप भारतीय शेयर मार्केट में निवेश करने का मन बना रहे हैं; तो आप यहाँ दिए जा रहे निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. एक ब्रोकरेज खाता (Demat Account) खोलें।

भारतीय शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले आपको एक ब्रोकरेज खाता, मतलब डीमैट अकाउंट खोलना होगा।

यह डीमैट अकाउंट एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट होता है; जिसके माध्यम से आप शेयर खरीद और बेच सकते हैं। 

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी:

  • पैन कार्ड (Pan Card) 
  • आधार कार्ड (Adhaar Card)
  • बैंक खाता विवरण (Bank Account Details)
  • फोटो पहचान पत्र (Photo ID)
  1. निवेश की सही योजना बनाएं।

आप इस बात को याद रखिएगा – भारतीय शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले, आपको अपने निवेश करने के लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के बारे में अच्छे से समझ लेना चाहिए;

मेरे कहने‌ का मतलब यह है कि आप कितना राशि का निवेश करना चाहते हैं? आप कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं? आप कितना जोखिम लेने के लिए तैयार हैं? इन सब के बारे में अच्छे से विचार करें।

जब आप अपने निवेश करने के लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के बारे में अच्छे से सोच-समझ लेते हैं; उसके के बाद,

आप निवेश करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर सकते हैं; आप डायरेक्ट शेयर खरीद सकते हैं, म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, या इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।

  1. रिसर्च करें।

एक बार जब आप निवेश करने के विकल्पों पर अच्छे से सोच-विचार कर लेते हैं, तो इसके बाद आपको निवेश करने के लिए सही शेयर या म्यूचुअल फंड चुनने के लिए अच्छी तरह से रिसर्च करना चाहिए।

आपको कंपनी की फाइनेंशियल कंडिशन, भविष्य में उद्योग की संभावनाओं और मार्केट की स्थिति पर विचार अवश्य करना चाहिए।

  1. निवेश करें।

ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करके, आप अपने इंवेस्टमेंट के लिए सही शेयर या म्यूचुअल फंड का चुनाव कर सकते हैं; और फिर उसके बाद आप अपने डीमैट अकाउंट के माध्यम से शेयर खरीदने या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए ऑर्डर लगा सकते हैं।

  1. निगरानी रखें।

आप याद रखिएगा कि निवेश करने के बाद आपको अपने निवेश पर नज़र गड़ा कर रखनी चाहिए; आपको अपने निवेश के परफॉरमेंस को समय-समय पर ट्रैक करते रहना चाहिए और जरुरत होने पर अपने निवेश को एडजस्ट करने से चुकना नहीं चाहिए।

भारतीय शेयर मार्केट में निवेश करने के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा रहे हैं; जिन्हें आप एक-एक कर ध्यान से समझिए :

  • कम मात्रा में निवेश शुरू करें।

आप इस बात को याद रखिएगा कि आप शेयर मार्केट में एक बार में बहुत सारा पैसा लगाने की कोशिश न करें। आप शेयर मार्केट को अच्छे से समझने के लिए धीरे-धीरे और कम मात्रा में निवेश शुरू करें;

अगर आप ऐसा करते हैं; तो आप शेयर मार्केट में होने वाले जोखिम को बहुत ज्यादा कम कर सकते हैं।

  • विविधता बनाए रखें।

याद रखें; आप अपने पैसे को एक ही कंपनी या उद्योग में निवेश न करें। यदि आप अलग-अलग कंपनी या उद्योग में निवेश करते हैं; तो इससे आपको अपने जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

  • लम्बी अवधि के लिए निवेश करें।

शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव होना निश्चित है; इसलिए अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो आपको मार्केट के उतार-चढ़ाव से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा और आपको हाई रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

आप के लिए भारतीय शेयर मार्केट में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन इस बात को याद रखना भी बहुत जरूरी होता है कि इस मार्केट में जोखिम शामिल होता है; इसलिए निवेश करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें और अपने जोखिम लेने की सहनशीलता को समझें।

इसे भी पढ़ें : इंट्राडे ट्रेडिंग नियम क्या है ? Intraday Trading Rules In Hindi

भारतीय शेयर मार्केट में निवेश के क्या जोखिम हैं?

भारतीय शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव, कंपनियों के प्रदर्शन में गिरावट और मुद्रास्फीति आदि जोखिम शामिल हैं।

भारतीय शेयर मार्केट में निवेश से क्या फायदे हैं?

भारतीय शेयर मार्केट में निवेश करने के एक नहीं कई फायदे हैं, जैसे कि हाई रिटर्न की संभावना, डाइवर्सिटी और लिक्विडिटी।

भारतीय शेयर मार्केट के भविष्य के बारे में क्या उम्मीदें हैं?

भारतीय शेयर मार्केट का भविष्य बहुत ज्यादा उज्ज्वल दिखाई दे रहा है; क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian GDP) के विकास के साथ-साथ भारतीय शेयर मार्केट में भी तेजी से विकास होने की संभावना है।