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राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani), Success Story In Hindi

आज इस पोस्ट में हम आपको भारत के एक सफल इंवेस्टर, बिजनेसमैन, राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) की सफलता की पूरी कहानी बताएंगे; अगर आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ लेते हैं;

तो आपको राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) जी के सफलता की कहानी से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा; जिसका उपयोग आप अपने सफलता की यात्रा में कर सकते हैं।

राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani), Success Story In Hindi

शेयर मार्केट के महान खिलाड़ी राधाकिशन दमानी की सफलता की कहानी

ये बात सच है कि कब किसकी किस्मत बदल जाए, कब किसके समय का चक्र घूम जाए; इस बात का अंदाजा कोई नहीं लगा सकता; आज इस पोस्ट में, मैं आपको ऐसी ही एक कहानी बताने जा रहा हूँ; जिसे सुनकर आपको अपने आप पर और अपनी किस्मत दोनों पर भरोसा होना शुरू जाएगा।

चलिए मैं आपसे एक सवाल करता हूं कि अगर हमें कम कीमत में ग्रॉसरी का सामान खरीदना हो तो हममें से ज्यादातर लोग डी-मार्ट स्टोर की तरफ़ भागेंगे; क्यों मैं सही कह रहा हूँ ना;

क्या आप जानते हैं? अगर नहीं तो आपको पता होना चाहिए कि डी-मार्ट स्टोर की शुरुआत सबसे पहले 2002 में मुंबई के पवई इलाके से हुई थी; लेकिन आज देश के हर एक कोने में इस कंपनी के 238 स्टोर्स खोले जा चुके हैं। 

सफलता की ऊंचाई को छूने वाली इस कंपनी को एक सफल निवेशक और बिजनेसमैन ने बनाया; जिसे शेयर बाजार के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला भी अपना गुरु मानते थें; लाइमलाइट से कोसों दूर रहने वाले शेयर मार्केट के इस महान खिलाड़ी का नाम राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) है।

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अब चलिए जानते हैं – राधाकिशन दमानी की इस शानदार सफलता की कहानी कहां से शुरू हुई; एक सफल निवेशक से एक सफल बिजनेसमैन कैसे बने।

इस तेजी से बदलते हुए भारत में किस तरह से हाइपरमार्केट चेन सेक्टर में बूम लाए; और कैसे आम आदमी की तरह दिखने वाले इस शख्स ने अपनी कंपनी के दम पर निवेशकों को जोरदार फायदा करवाया;

आइए कहानी में आगे बढ़ते हैं; और जीवन के उतार-चढ़ाव से भरे हर पल को ध्यान से पढ़ते हैं; और हर एक महत्वपूर्ण बात को मन में बैठा लेते हैं।

शेयर बाजार के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला के गुरु राधाकिशन दमानी ने बॉल बेयरिंग के व्यवसाय में एक व्यापारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था; उस समय शेयर बाजार में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी;

लेकिन हुआ यह कि दुर्भाग्य से राधाकिशन के पिता की असामयिक मृत्यु ने उन्हें शेयर बाजार में कदम रखने के लिए मजबूर कर दिया; राधाकिशन ने अपने बॉल बेयरिंग के व्यवसाय को बंद कर दिया; और अपने भाई के साथ स्टॉक ब्रोकिंग बिजनेस से जुड़ गएं; 

उस समय राधाकिशन जी की उम्र मात्र बीस साल थी और उन्हें इस बिजनेस के बारे में कोई व्यावहारिक नॉलेज नहीं था; इसलिए उनका का पहला कदम शेयर मार्केट के कामकाज का निरीक्षण करना और इसके बारे में सीखना था;

जब उन्होंने शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव के बारे में अनुमान लगाना शुरू किया; तो उन्होंने बत्तीस साल की उम्र में पहली बार शेयर मार्केट में निवेश किया।

हालांकि उन्हें बहुत जल्दी इस बात का एहसास हो गया कि सिर्फ अनुमान लगाने भर से उन्हें इस जोखिम भरे शेयर मार्केट के बिजनेस में एक सफल निवेशक बनने में सफलता नहीं मिलेगी। 

फिर उन्होंने सही स्ट्रेटेजी के साथ शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने और उस पैसे को बढ़ाने के तरीके सीखने शुरू कर दिए; 

शेयर बाज़ार के महान निवेशक राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) को शुरुआती दिनों में कुछ असफलताएं मिलीं; सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती संघर्षों बहुत कुछ खो दिया था।

आज इन्हें लोग सफेद कपड़े पहनने की पसंद के चलते मिस्टर व्हाइट एंड व्हाइट नाम से भी बुलाते हैं; बेहद सुलझे हुए व्यक्तित्व वाले दमानी को सफेद कपड़े इसलिए पसंद हैं क्योंकि उन्हें दिन की शुरुआत में कपड़ों को लेकर कोई उलझन न हो;

आपको यह जानकर हैरानी होगी – अस्सी के दशक में शेयर मार्केट में पांच हज़ार रुपए के साथ शुरुआत करने वाले दमानी की पूरी संपत्ति आज एक दशमलव बयालीस लाख करोड़ रुपए हो गई है; 

ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार इस समय राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) दुनिया के सौवाँ सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।

लाइमलाइट से दूर, आम सी जिंदगी बिताने‌ वाले राधाकिशन दमानी अब सक्रियता से वीगन डाइट फॉलो करते हैं; इसके साथ ही हर कुंभ के मेले में गंगा नहाने भी जाते हैं; इनकी सादगी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि लंच के बाद चर्चगेट, मुंबई के इंडस्ट्री के पास छोटी सी दुकान से पान खाने जाते हैं।

हर्षद मेहता घोटाले के बाद राधाकिशन दमानी को हुआ भारी प्रॉफिट; चलिए जानते हैं वो कैसे –

राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) ने उन्नीस सौ बानवे में हुए हर्षद मेहता घोटाला को बहुत ही गंभीरता से लिया; क्योंकि अगर हर्षद मेहता सात दिन और अपनी लॉन्ग पोजीशन होल्ड कर लेता; तो दमानी को कटोरा लेकर सड़क पर उतरना पड़ता; इसको कुछ इस तरह से समझते हैं –

हर्षद मेहता ने शेयर बाजार में तेजी पर दांव लगाया था; जबकि दमानी ने बाजार के गिरने पर दांव लगाया था; इसलिए घोटाले की बात सामने आते ही बाजार धड़ाम से नीचे गिरा; जिससे दमानी को जबर्दस्त प्रॉफिट हुआ।

राधाकिशन दमानी के लिए निवेशक के रुप में उन्नीस सौ पंचानबे का साल अच्छा रहा; क्योंकि जहां बाकी निवेशक सरकारी बैंकों में पैसा लगा रहे थे,

वहीं दमानी ने सस्ते वैल्युएशन में मिलने वाली कंपनी में लंबे वक्त तक रुकने का स्ट्रेटेजी अपनाते हुए HDFC बैंक के आइपीओ में पैसा लगाया; इससे उन्होंने जमकर पैसा कमाया।

राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) ने दो हजार दो में पहला डीमार्ट स्टोर खोला; थोड़ा पीछे चलते हैं – उन्नीस सौ नीन्यानबे में उन्होंने नवी मुंबई के नेरूल में अपने बाजार की एक फ्रेंचाइजी की शुरुआत की;

पर उन्हें यह मॉडल जमा नहीं; आगे चलकर दो हजार दो में मुंबई के पवई इलाके में डीमार्ट का पहला स्टोर खुला; अब देशभर में इस कंपनी के 238 स्टोर्स हैं।

आइए डीमार्ट (D-Mart) की सफलता के फॉर्मूला को समझतें हैं; कंपनी ने रिटेल कारोबार में न केवल लीक से हटकर अपनी पहचान बनाई है, बल्कि सफलता की‌ ऊंचाईयों को भी छुआ है;

इसकी सफलता के पीछे कंपनी का सीधा सा फंडा यह है कि कंपनी मार्जिन के बजाय वॉल्यूम पर फोकस‌ करती है; 

यह कंपनी इतनी सफल है कि अपने सप्लायर को सात से‌ दस दिन में पेमेंट कर देती है; जबकि इसी सेगमेंट की बाकी कंपनियां अपने सप्लायर्स को बीस से तीस दिन में पेमेंट करती हैं; 

इस कंपनी की सबसे खास बात यह है कि कंपनी जहां भी अपने स्टोर्स खोलती है; वह स्टोर डीमार्ट का ही होता है मतलब स्टोर्स को किराए पर नहीं लेती।

इसे भी पढ़ें : स्विंग ट्रेडिंग क्या है और इससे पैसे कैसे बनाते हैं ?

राधाकिशन दमानी की कुल संपत्ति कितनी है?

फोर्ब्स मैगजीन की 2023 की लिस्ट के मुताबिक, राधाकिशन दमानी जी की कुल संपत्ति लगभग $14.1 बिलियन है।

डीमार्ट का कारोबार कितना बड़ा है?

Financial year 2022-23 में, डीमार्ट कंपनी का कुल टर्नओवर लगभग ₹36,000 करोड़ था।

राधाकिशन दमानी इतने सफल बिजनेसमैन कैसे बनें?

कम कीमत, प्रभावकारी मैनेजमेंट, इनोवेशन और ग्राहक पर ध्यान देने की वजह से राधाकिशन दमानी एक सफल बिजनेसमैन बन पायें।

डीमार्ट का भविष्य कैसा दिखता है?

डीमार्ट का भविष्य छोटे शहरों, ऑनलाइन और नए क्षेत्रों में विस्तार करने से और अच्छा होगा!

राधाकिशन दमानी से क्या सीखा जा सकता है?

राधाकिशन दमानी से कड़ी मेहनत करना, एक सफल रणनीति तैयार करना और ग्राहक को हर स्थिति में खुश रखना सीखा जा सकता है।