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भारत में हेज़ फंड मैनेजर (Hedge Fund Manager In India) कौन हैं?

भारत में हेज़ फंड मैनेजर (Hedge Fund Manager In India) कौन हैं? आज इस पोस्ट में बाजार के हेज़ फंड मैनेजरों के बारे में सब कुछ विस्तार से जानें और उनके निवेश करने के तरीकों को समझें।

भारत में हेज़ फंड मैनेजर (Hedge Fund Manager In India) कौन हैं?

अगर देखा जाए; तो भारत का शेयर मार्केट बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है; इसमें और ज्यादा विकास की संभावनाएं देखी जा सकती हैं; इन विकास की संभावनाओं के पीछे हेज फंड का बहुत बड़ा योगदान है; 

आप याद रखें; हेज फंड हाई रिस्क और हाई रिटर्न वाले फंड होते हैं; अगर आप इस फंड के माध्यम से अच्छा प्रॉफिट कमाना चाहते हैं;

तो इसके लिए आपको एक बेहतरीन और बेस्ट तकनीक की आवश्यकता पड़ेगी।

अब चलिए जान लेते हैं कि इन हेज़ फंड को चलाता कौन है? मैं आपको आपकी जानकारी के लिए यह बता देना चाहता हूं कि भारतीय हेज फंड बाजार को हेज़ फंड मैनेजर चलाते हैं।

हेज़ फंड मैनेजर कौन होते हैं – हेज़ फंड मैनेजर शेयर मार्केट के खिलाड़ी होते हैं; इन्हें शेयर मार्केट का हर एक स्टेप पता होता है; ये बहुत ज्यादा अनुभवी और काबिल होते हैं;

ये अपनी समझ और काबिलियत के दम पर रिस्क लेते हुए अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए निवेशकों के पैसे को हेज फंड में इन्वेस्ट करते हैं।

ये आपको अच्छा प्रॉफिट दिलाने के लिए बहुत ही ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड फाइनेंशियल रिसोर्सेज का इस्तेमाल करते हैं;

जैसे – लेवरेज (Leverage), शॉर्ट सेलिंग (Short selling), और आर्बिट्रेज (Arbitrage); इसके साथ ही वे स्टॉक्स, बॉन्ड, कमोडिटीज और डेरिवेटिव, जैसे अलग-अलग एसेट में ट्रेडिंग करते हैं।

भारत में हेज़ फंड मैनेजर (Hedge Fund Manager In India) बनने के लिए क्या चाहिए?

अगर आप भी भारत में है फंड मैनेजर बनने का सपना देख रहे हैं; तो इसके लिए आपको बहुत ज्यादा एजुकेशन की आवश्यकता नहीं पड़ती है;

लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने के लिए मतलब हेज़ फंड मैनेजर बनने के लिए आपको शेयर मार्केट की अच्छी समझ, स्किल और अनुभव की जरूरत पड़ती है; 

यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं; जिन्हें अपना कर आप हेज फंड मैनेजर बनने की यात्रा शुरू कर सकते हैं:

  1. आपको शेयर मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव को समझते हुए उनका सटीक अनुमान लगाना सीखना होगा।
  2. हेज़ फंड मैनेजर बनने के लिए आपको अपना खुद का एक बेहतरीन निवेश स्ट्रैटजी विकसित करना होगा और इसके साथ ही आपको रिस्क मैनेजमेंट में योग्यता हासिल करनी होगी; आप याद रखिएगा कि शेयर मार्केट में रिस्क मैनेजमेंट सफलता की कुंजी है।
  3. हेज़ फंड मैनेजर बनने के लिए आप में डेटा एनालिसिस करने और संख्याओं को पढ़ने की योग्यता होनी चाहिए।
  4. हाई-स्ट्रेस वाले माहौल में आपको शांत रहने की आदत डालनी होगी।
  5. हेज़ फंड मैनेजर बनने के लिए आपको निवेशकों के बीच विश्वास पैदा करना होगा और टीम का नेतृत्व करने की योग्यता हासिल करनी होगी।

भारत में सबसे अच्छे हेज़ फंड मैनेजर कौन हैं?

इस सवाल का जवाब देना थोड़ा मुश्किल है; क्योंकि हेज़ फंड मैनेजर अच्छे हैं या नहीं; इस सवाल का जवाब सिर्फ इस बात से मिलता है कि बाज़ार की स्थितियों और स्ट्रैटजी के अनुसार हेज़ फंड का परफॉर्मेंस कैसा है ? 

यहां कुछ जाने-माने हेज़ फंड मैनेजर के नाम दिए जा रहे हैं:

  • राकेश झुनझुनवाला, जो अब हमारे बीच नहीं रहें; इन्हें भारत का वॉरेन बफेट कहा जाता था; ये शेयर मार्केट के महान खिलाड़ियों में से एक थे; इन्होंने कई सफल वेंचर्स में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया।
  • रमीत सेठी: एल्लिजा फाइनेंस के फाउंडर, जिन्हें इंवेस्टमेंट बैंकिंग का अनुभवी माना जाता है.
  • आशीष सोचानी: अकासा कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर हैं; इन्होंने कमोडिटीज ट्रेडिंग में महान काबिलियत हासिल की है.
  • मनीष पटेल: पीआरडी फाइनेंस के फाउंडर हैं, इनको वैकल्पिक निवेशों (Alternative investments) में बहुत ज्यादा अनुभव है।

भारत में हेज़ फंड में निवेश कैसे करें?

आप याद रखिएगा; हेज फंड में निवेश करना नए निवेशकों के लिए नामुमकिन हैं; भारत में, यह फंड सिर्फ “सेबी रजिस्टर्ड निवेशकों” के लिए बनाया गया है;

जिनके पास निवेश करने के लिए कम से कम ₹1 करोड़ की पूंजी है; याद रखें; इन फंडों में लॉक-इन पीरियड और बहुत ज्यादा चार्ज होता।

इसे भी पढ़ें: म्यूचुअल फंड सही है या गलत (Mutual Fund Sahi Hai Ya Galat) कैसे जानें?

भारत में कितने हेज़ फंड हैं?

अगर देखा जाए; तो भारत में लगभग 300 से 400 हेज़ फंड मौजूद हैं; इनमें से ज्यादातर हेज़ फंड बड़े शहरों, जैसे मुंबई, दिल्ली, और चेन्नई से ऑपरेट होते हैं।

हेज फंड कैसे काम करते हैं?

हेज फंड मैनेजर अलग-अलग तरह की स्ट्रैटजी का इस्तेमाल करके अच्छा प्रॉफिट बनाने की कोशिश करते हैं; जैसे – 
अल्गोरिदम ट्रेडिंग: कंप्यूटर प्रोग्राम का इस्तेमाल करके मार्केट की चाल का पता लगाया जाता है।
शॉर्ट सेलिंग: अगर निवेशकों लगता है कि शेयर या एसेट का मूल्य गिरने वाला है; तो वे इसे शॉर्ट सेलिंग करके अच्छा प्रॉफिट कमा लेते हैं।
आर्बिट्रेज: निवेशक इस स्ट्रैटजी का उपयोग दो बाज़ारों में एक ही एसेट की कीमतों में अंतर का फायदा उठाते हैं।

हेज फंड में निवेश करने के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए?

अगर आप भारत में, हेज़ फंड में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं; तो इसके लिए आपको “सेबी रजिस्टर्ड निवेशक” बनना होगा; इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि हेज़ फंड में निवेश करने के लिए पास कम से कम ₹1 करोड़ की पूंजी होनी चाहिए; यही नहीं; आपको हेज़ फंड की जटिलताओं और जोखिमों को समझने के लिए फाइनेंशियल नॉलेज और योग्यता होनी चाहिए।

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