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शेयर बाजार के जोखिम और सावधानियाँ क्या हैं?

आज इस पोस्ट में, आप जानेंगे कि शेयर बाजार के जोखिम और सावधानियाँ क्या हैं; और इनसे बचने के तरीके क्या हैं?

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं; तो आपको सबसे पहले इस बाजार से जुड़े उन जोखिमों और सावधानियों के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए; जो शेयर बाजार में एक सफल निवेशक बनने में आपकी मदद करते हैं।

शेयर बाजार के जोखिम और सावधानियाँ क्या हैं?

चलिए जान लेते हैं, शेयर बाजार के जोखिम और सावधानियाँ – 

  • शेयरों के मूल्य में उतार-चढ़ाव: शेयर बाजार में निवेश करने के बाद आपको इस बाजार में लगातार होने वाले उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है; और यह याद रखिएगा कि इस उतार-चढ़ाव की वजह से कभी-कभी नुकसान भी हो जाता है।
  • कंपनी का नकारात्मक प्रदर्शन: जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं; अगर उस कंपनी का प्रदर्शन नकारात्मक है; तो इसके आधार पर भी उस कंपनी के शेयरों के मूल्य में गिरावट आ सकती है; और आपको नुकसान हो सकता है।
  • बाजार में नकारात्मकता का प्रभाव: आप याद रखिएगा – शेयर बाजार का गिरना, एक नहीं कई कारकों पर डिपेंड करता है; जैसे कि देश की खराब अर्थव्यवस्था, ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी, राजनीतिक और सामाजिक घटनाएं आदि। 

शेयर बाजार में निवेश करते समय सावधानियाँ:

  • जोखिम लेने की क्षमता को समझें: आप शेयर बाजार से अच्छा प्रॉफिट कमाएं; उससे पहले आपको अपनी जोखिम लेने की क्षमता को समझना होगा; मेरे कहने का मतलब यह है कि आप शेयर बाजार में कितना पैसा खोने का जोखिम ले सकते हैं, यह जानने के बाद ही आप शेयर बाजार में निवेश करें; अगर आप ऐसा नहीं करते हैं; तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
  • रिसर्च करें, फिर निवेश करें: किसी भी कंपनी में पैसा लगाने से पहले आपको उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च कर लेना चाहिए। आपको कंपनी का फाइनेंशियल परफॉरमेंस, उसका मैनेजमेंट और उसके उद्योग के बारे में अच्छी तरह से जांच कर लेना चाहिए; क्योंकि बिना इसके शेयर बाजार में आपका पैसा डूब सकता है।
  • सारा पैसा एक ही कंपनी में न लगाएं: यदि आप शेयर बाजार में निवेश करके अच्छा प्रॉफिट बनाना चाहते हैं; तो आपको अपना पैसा अलग-अलग कंपनियों और विभिन्न प्रकार के उद्योगों में निवेश करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं; तो इससे आपको यह फायदा होगा कि किसी एक कंपनी या किसी एक उद्योग के खराब प्रदर्शन की वजह से आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
  • लंबे समय के लिए निवेश करें: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करके अच्छा प्रॉफिट कमाना चाहते हैं; तो आपको शॉर्ट टर्म के‌ बजाय लांग टर्म मतलब‌ लंबे समय के लिए निवेश करना चाहिए; इससे आपको शेयर बाजार में होने‌ वाले उतार-चढ़ाव से ज्यादा फर्क‌ नहीं पड़ेगा।

शेयर खरीदते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?

शेयर खरीदते समय आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान रखनी चाहिए:

  • कंपनी की फाइनेंशियल कंडिशन‌ को समझें: किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले‌,‌ उस कंपनी की फाइनेंशियल कंडिशन को समझना बहुत जरूरी‌ है; आप कंपनी की इकोनॉमिक इतिहास, उसके कर्ज का स्तर और उसकी स्थिति को अच्छे से‌ समझकर ही निवेश करें।
  • कंपनी के उद्योग बारे में समझें: किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले आप उस कंपनी से जुड़े उद्योग के बारे में सही जानकारी रखें; क्योंकि इस जानकारी के बिना आपको भारी नुकसान‌ उठाना पड़ सकता‌ है; क्योंकि कुछ उद्योगों में दूसरों की तुलना में अधिक जोखिम होता है।
  • कंपनी का मैनेजमेंट: निवेश करते‌ समय कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में जानना भी बहुत जरूरी है; क्योंकि एक मजबूत मैनेजमेंट टीम कंपनी की सफलता की संभावनाओं को बढ़ा देता है; जिसकी वजह‌ से आपके किए‌ गए निवेश पर अच्छा रिटर्न मिलता है।
  • शेयर का प्राइस: आप याद रखिएगाशेयर का प्राइस भी निवेश का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है; इसलिए शेयर का चुनाव‌ करते समय आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता‌ है कि शेयर का प्राइस उसकी आंतरिक मूल्य की तुलना में अधिक नहीं होना चाहिए।

शेयर खरीदने के लिए कुछ अतिरिक्त सुझाव यहाँ दिए जा‌ रहे हैं:

  • एक अच्छा सा निवेश पोर्टफोलियो बनाएं: आप याद रखिएगा – आपके बनाए गए निवेश पोर्टफोलियो निवेश के जोखिम को कम करने और उसे अधिक संतुलित बनाए रखने में मदद कर सकता है।
  • नियमित रूप से निवेश करें: यदि‌ आप शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं; तो आपको बाजार में नियमित रूप से निवेश करते रहना‌ चाहिए। 
  • अपने निवेश की निगरानी जरूर करें: अगर आप अपने निवेश में होने‌ वाली संभावित समस्या से बचना चाहते हैं; तो आपको अपने निवेश की निगरानी करना बहुत जरूरी है।

मैं अपने हर पोस्ट में इस बात का जिक्र करता‌ रहता हूँ कि अगर आप शेयर बाजार में निवेश करके पैसा बनाना चाहते हैं; तो आपको जोखिम लेने के लिए भी तैयार रहना चाहिए; क्योंकि शेयर मार्केट में बिना‌ जोखिम के कोई रिवार्ड नहीं होता है; 

आप याद रखिएगा – बड़े जोखिम के साथ बड़ा‌ रिवार्ड जुड़ा होता है; वहीं छोटे जोखिम के साथ छोटा रिवार्ड मिलता है। 

शेयर कितने दिन तक रख सकते हैं?

शेयरों को आप कितने दिन तक रख सकते हैं, इस सवाल का जवाब आपके निवेश करने की स्ट्रैटजी पर डिपेंड करता है।

आप यह पता लगाइए कि आप किस तरह के इंवेस्टर, कहीं आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडर तो नहीं; जो शेयर खरीदते तो हैं; लेकिन उसे प्रॉफिट आने पर कुछ दिनों या हफ्तों में बेच देते‌ हैं। 

वहीं अगर आप एक लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं; तो आप शेयरों को कई सालों तक होल्ड करके रखते हैं; इससे बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव‌ से आपको ज्यादा फर्क‌ नहीं पड़ता है; और अंत में आपको आपके किए गए निवेश‌ पर अच्छा रिटर्न मिलता है।

निष्कर्ष: यदि आप सचमुच शेयर बाजार से पैसा बनाना चाहते हैं; तो आपको निवेश करने से पहले, इस बाजार के जोखिमों और सावधानियों के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए। आपको अपने जोखिम लेने की क्षमता को अच्छे से समझ लेना चाहिए;

निवेश करने‌ से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें, अपने निवेश को विविध बनाएं और लंबी अवधि के लिए निवेश करें।

इन सावधानियों को अपनाकर आप शेयर बाजार में अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं और अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।

इसे भी पढ़ें : भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स कौन-कौन से हैं?

शेयर खरीदते समय हमें‌ किन बातों‌ का ध्यान रखना चाहिए?

शेयर खरीदते समय हमें‌ निम्नलिखित बातों‌ पर ध्यान देना चाहिए; जैसे – कंपनी की फाइनेंशियल कंडिशन‌ को समझें, कंपनी के उद्योग बारे में समझें, कंपनी का मैनेजमेंट कैसा है, इस बारे पता लगाएं; और शेयर का प्राइस उसकी आंतरिक मूल्य की तुलना में अधिक नहीं होना चाहिए।

क्या हम उसी दिन शेयर खरीद और बेच सकते हैं?

हाँ, आप सही है; आप जिस दिन शेयर खरीदते हैं; उसी दिन आप शेयर बेच सकते हैं; इस तरह की ट्रेडिंग‌ स्ट्रैटजी को इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रैटजी कहते हैं; इस ट्रेडिंग में, आप शेयरों को जिस दिन खरीदते हैं; उसी दिन प्रॉफिट बुक होने पर बेच देते हैं।

भारत में एक महीने में कितने ट्रेडिंग दिन होते हैं?

भारतीय कलेण्डर के हिसाब से निवेशक एक महीने में लगभग 21 ट्रेडिंग करते हैं। लेकिन यह संख्या महीने में पड़ने वाले दिनों की संख्या और उस महीने में पड़ने वाले छुट्टियों पर डिपेंड करता है। 
उदाहरण के लिए, जनवरी, फरवरी, मार्च, मई, जून, अगस्त, सितंबर और नवंबर में 21 दिन ट्रेडिंग होते हैं; जबकि बाकी अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में 22 दिन ट्रेडिंग किया जाता है; साल के‌ आखिरी‌ महीने‌ दिसंबर में 19 ट्रेडिंग होता है।

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