आज इस पोस्ट में हम जानेंगे कि शेयर मार्केट की प्रमुख घटनाएं क्या हैं; तो चलिए इस पोस्ट में आगे बढ़ते हैं और एक-एक कर अच्छे से समझते हैं कि शेयर मार्केट की प्रमुख घटनाएं क्या हैं?
![शेयर मार्केट की प्रमुख घटनाएं](https://i0.wp.com/blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjiz62vBUvOfV8Y-y93ScgVZt1BDGTVe1ycMRwU60mZ8ObBpej4EIJCbYdDma_G-xJ0MVUjLfIWEHEomXP5CUcrYKRa6g9vf3tfqVhapjef14diai_HHE7Gmb4qCF8ijNLHPenHTufHXupnfZmgBj6NL6cNUewCiucxEUxFAknUNZxbOMxHFxJPXoWtwyg/s640/7_20231116_115004_0006%20(1).webp?w=980&ssl=1)
आप याद रखिएगा – शेयर मार्केट भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है; जिसके माध्यम से इंवेस्टर्स कंपनियों के शेयरों को खरीद और बेच सकते हैं।
शेयर मार्केट की स्थापना 1875 में मुंबई में हुई थी; उस समय मुंबई को बॉम्बे के नाम से जाना जाता था; 1875 से लेकर अब तक, शेयर मार्केट में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने इस मार्केट की विकास और दिशा दोनों को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है।
शेयर मार्केट की प्रमुख घटनाएं कुछ इस प्रकार हैं:
- 1947 में देश आजाद होने के बाद, शेयर मार्केट में एक नई ऊर्जा देखने को मिली; गवर्नमेंट ने शेयर मार्केट को लेकर कई ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिससे शेयर मार्केट को विकास की दिशा मिली; जैसे, पूंजीगत मुद्दों (कैपिटल इश्यू) को कंट्रोल करने के लिए गवर्नमेंट ने एक कानून बनाया; जिसके अंतर्गत कंपनियों को शेयर बेचने से पहले गवर्नमेंट से परमिट लेनी होती थी। इस कानून के लागू होने के बाद शेयर मार्केट में ज्यादा पारदर्शिता और जवाबदेही आई।
- 1956 में गवर्नमेंट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation) किया; जिससे शेयर मार्केट में विदेशी निवेश (Foreign investment) को बढ़ावा मिला।
- 1969 में गवर्नमेंट ने ग्रीन रेवोल्यूशन शुरू किया; जिससे एग्रीकल्चर फील्ड (कृषि क्षेत्र) में प्रोडक्शन बढ़ा और इसकी वजह से अर्थव्यवस्था (GDP) में तेजी आई; और इसका शेयर मार्केट पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
- 1991 में गवर्नमेंट ने आर्थिक उदारीकरण (Economic liberalization) की नीतियां (Policies) लागू कीं; जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला और शेयर मार्केट में तेजी आई।
- 1999 में भारत ने अपना पहला आईपीओ (IPO) लॉन्च किया; जिसने शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए और ज्यादा इंवेस्टर्स को आकर्षित किया।
- 2008 में वैश्विक मंदी (Global recession) होने के बावजूद, भारतीय शेयर मार्केट ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया। इससे यही लगता है कि भारतीय शेयर मार्केट अब बहुत ज्यादा मजबूत हो चुका है और यह वैश्विक आर्थिक मंदी से कम प्रभावित होता है।
ऊपर बताई गई प्रमुख घटनाओं के अतिरिक्त, शेयर मार्केट में और भी कई अन्य घटनाएं हुई हैं, और इन घटनाओं ने इसके विकास और दिशा को अधिक प्रभावित किया है; जैसे, कंपनियों के विलय और अधिग्रहण, बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणा, गवर्नमेंट की नीतियों में बदलाव, और वैश्विक आर्थिक (Global economic) घटनाएं।
शेयर मार्केट पर सबसे ज्यादा क्या प्रभाव पड़ता है?
शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफार्म है; जिसके माध्यम से निवेशक शेयरों को खरीदते और बेचते हैं।
आप याद रखिएगा कि शेयर कंपनियों के हिस्सेदारी होते हैं, इसलिए जब आप शेयर खरीदते हैं; तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं।
शेयर मार्केट की कीमतें कई कारकों से प्रभावित होती हैं, जैसे, फाइनेंशियल कंडिशन, राजनीतिक माहौल और कंपनी की वित्तीय स्थिति; ये वे कारक हैं; जिससे शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।
शेयर मार्केट पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाले कुछ कारक निम्नलिखित हैं:
- आर्थिक स्थिति (Financial Condition): आप याद रखें; शेयर मार्केट की कीमतें आमतौर पर देश की अर्थव्यवस्था के आधार चलती हैं; जब देश की अर्थव्यवस्था अच्छी होती है, तो शेयर मार्केट की कीमतें बढ़ती हैं; और जब अर्थव्यवस्था खराब होती है, तो शेयर मार्केट की कीमतों में गिरावट देखने को मिलती है।
- राजनीतिक माहौल (Political environment): आप यह भी याद रखिएगा कि शेयर मार्केट की कीमतें राजनीतिक माहौल की वजह से भी बढ़ती और गिरती रहती हैं। जब देश में राजनीतिक अनिश्चितता होती है, तो शेयर मार्केट की कीमतें गिरती हैं।
- कंपनी की वित्तीय स्थिति: शेयर मार्केट की कीमतें कंपनी की फाइनेंशियल कंडिशन से भी प्रभावित होती हैं। जब कंपनी को अच्छा प्रॉफिट हो रहा हो और उस कंपनी की फाइनेंशियल कंडिशन मजबूत हो, तो उस कंपनी के शेयरों की कीमतें अधिक हो जाती हैं; और जब कंपनी घाटे में चल रही हो या उसकी फाइनेंशियल कंडिशन कमजोर हो, तो उस कंपनी के शेयरों की कीमतें आमतौर पर कम हो जाती हैं।
शेयर मार्केट पर अन्य कारक भी प्रभाव डाल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- ब्याज दरें: जब-जब भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों (Interest rates) में बढ़ोत्तरी करता हैं, तो शेयरों की कीमतें आमतौर पर गिरने लगती हैं।
- मुद्रास्फीति: जब देश में मुद्रास्फीति (Inflation) बढ़ती है, तो शेयरों की कीमतें आमतौर पर बढ़ती हैं।
- घरेलू और वैश्विक घटनाएं: शेयर मार्केट की कीमतें घरेलू और वैश्विक (Domestic and global) घटनाओं से भी प्रभावित होती रहती हैं, जैसे कि युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक उथल-पुथल।
यदि आप शेयर मार्केट पर प्रभाव डालने वाले कारकों को अच्छे से समझ लेते हैं; तो इससे आपको निवेश करने के निर्णय को अच्छे ढंग से लेने में मदद मिलती है।
शेयर मार्केट पर सबसे ज्यादा कौन सा कारक प्रभाव डालता है?
फाइनेंशियल कंडिशन शेयर मार्केट पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है; जब देश की अर्थव्यवस्था अच्छी होती है,
तो शेयर मार्केट की कीमतें बढ़ती हैं; और जब अर्थव्यवस्था खराब होती है, तो शेयर मार्केट की कीमतें गिरती हैं।
शेयर मार्केट पर राजनीतिक माहौल का क्या प्रभाव पड़ता है?
शेयर मार्केट राजनीतिक माहौल से प्रभावित होता रहता है; आप याद रखिएगा कि जब देश में राजनीतिक अनिश्चितता होती है, तो शेयर मार्केट की कीमतें गिरने लगती हैं।
शेयर मार्केट पर कंपनी की वित्तीय स्थिति का क्या प्रभाव पड़ता है?
कंपनी की फाइनेंशियल कंडिशन शेयर मार्केट पर बहुत ज्यादा प्रभाव डाल सकती है; जब कोई कंपनी प्रॉफिट में होती है और उसकी फाइनेंशियल कंडिशन मजबूत होती है,
तो उस कंपनी के शेयरों की कीमतें बढ़ जाती हैं; और वहीं जब कोई कंपनी घाटे में चल रही होती है या उसकी फाइनेंशियल कंडिशन कमजोर होती है, तो उसके शेयरों की कीमतें गिरने लगती हैं।
इसे भी पढ़ें : भारत में शेयर बाजार की प्रमुख कंपनियाँ कौन-कौन सी हैं?
शेयर मार्केट में सबसे बड़ी घटना कौन सी थी?
भारत में शेयर मार्केट की सबसे बड़ी घटना आर्थिक उदारीकरण (Economic liberalization) की नीतियों का लागू होना था; इससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला और शेयर मार्केट में तेजी आई।
शेयर मार्केट पर सबसे बड़ा प्रभाव किस घटना का पड़ा?
वैश्विक मंदी (Global recession) का शेयर मार्केट पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा; इससे शेयर मार्केट में बहुत अधिक गिरावट आई और कई निवेशकों को बहुत ज्यादा नुकसान भी हुआ।
शेयर मार्केट की भविष्य की दिशा क्या है?
अगर देखा जाए; तो भारतीय शेयर मार्केट का भविष्य सुनहरा है; क्योंकि देश की जीडीपी मतलब अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है; और इंवेस्टर्स का शेयर मार्केट में विश्वास बढ़ रहा है।